
सिर्फ शिक्षा विभाग मे थोपे जा रहे एम शिक्षा मित्र एप को भेदभावपूर्ण और घोर समानता से भरी कार्यवाही का विरोध कर शिक्षक के सम्मान से खिलवाड नही होने दिया जावेगा। एसपी त्यागी ने बताया कि प्राचार्यों को आहरण संवितरण कार्य से मुक्त रखना वास्तव में शिक्षा की गुणवत्ता मे सहायक हो सकता था लेकिन महज 313 B.E.O. के सहारे लाखों शिक्षकों के आहरण संवितरण का कार्य छोड़ देना अराजकता को बढ़ाने वाला होगा।
विभाग ने विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के रूप में सहायक संचालक स्तर के अधिकारी की पदस्थापना नही की। उप विकासखंडों की स्थापना व AEO की पदस्थापना का कार्य भी नही किया और अब अपंगता की स्थिति मे पहुंच चुके विकासखंड शिक्षा कार्यालयों के मत्थे इतने बड़े अमले के आहरण संवितरण का कार्य कतई व्यवहारिक नही है। जब तक विभाग अपनी नवीन संरचना राज्य शिक्षा सेवा/ अधीनस्थ सेवा को पूर्ण नही कर लेता तब तक संकुल प्राचार्यों के DDO पावर यथावत रखे जाए। अगर आयुक्त कोष एवं लेखा द्वारा उक्त आदेश वापस नहीं लिया गया व समस्त शिक्षकों को समय पर वेतन नही मिला तो म.प्र. शिक्षक संघ द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।