अध्यापक संयुक्त मोर्चा: तालाबंदी पर अटल, धरना जारी

भोपाल। राजधानी में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद अध्यापक नेताओं के बीच राजनीति तेज हो गई है। जैसी की उम्मीद थी, राज्य अध्यापक संघ ने संयुक्त मोर्चा के बहिष्कार से खुद का अलग कर लिया है। हालांकि प्रदर्शन जारी रखा जाएगा। इधर संयुक्त मोर्चा स्कूल चलो अभियान का बहिष्कार, तालाबंदी और उग्र प्रदर्शन के ऐलान पर अब भी अटल है। 

प्रदर्शन कर रहे अध्यापक संयुक्त मोर्चे के प्रांताध्यक्ष बृजेश शर्मा ने बताया कि गुरुवार को जिले के सभी अध्यापक छुट्टी लेकर भोपाल पहुंचेंगे और धरने पर बैठेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी किए गए छटवां वेतनमान में जारी हुए नए आदेश में अध्यापकों की वरिष्ठता और वेतनमान में जमकर कटौती की गई है। आदेश में जरूरी संशोधन नहीं हुए तो 16 जून से सभी सरकारी स्कूलों में प्रवेशोत्सव, स्कूल चलें हम अभियान का बहिष्कार कर स्कूलों में अनिश्चितकालीन तालाबंदी की जाएगी।

बृजेश शर्मा के मुताबिक, जारी आदेश में वार्षिक वेतनवृद्धि का निर्धारण नियम के मुताबिक नहीं है। साथ ही पदोन्नति में भी वेतनमान का उल्लेख नहीं है। पदोन्नति पर वेतन निर्धारण भी नियम के विरुद्ध किया गया है। वेतन निर्धारण के लिए आवश्यक सेवाकाल की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक की बजाय 1 अप्रैल 2007 से की गई है जो गलत है। पूर्व कार्यकाल में हुई वेतन वृद्धियों को गणना में शामिल नहीं किया गया है, जबकि मध्य प्रदेश वेतन पुनरीक्षित नियम 28 फरवरी 2009 के आदेश में इसका उल्लेख है बावजूद इसके गणना में इसे नजरंदाज किया गया है।

अध्यापक संगठन की मांगें
  • अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन हो.
  • छठे वेतनमान के विसंगतिपूर्ण बिंदुओं को हटाया जाए.
  • अध्यापकों के लिए स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति लागू हो.
  • समूह बीमा योजना, पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए.
  • अध्यापक संवर्ग के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति मिले.
  • वरिष्ठ अध्यापकों को हाईस्कूल प्राचार्य बनाया जाए.
  • व्यायाम के शिक्षकों की पदोन्नति की जाए.

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