कश्मीर में 1941 के बाद मना 'दशर महाकुंभ', हिंदुओं में उत्साह

श्रीनगर। 75 साल बाद, जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में महाकुंभ मनाया गया। हिंदुओं ने मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के शादीपोड़ा में 'दशर महाकुंभ' मनाया। इस कार्यक्रम में शामिल रहे कश्मीरी पंडितों के मुताबिक, महाकुंभ 10 पिंडों पर केंद्रित है जिसमें सूर्य भी शामिल है। कश्मीरी पंडित भूषणलाल ने बताया, 'ऐसा कुंभ पिछली बार 4 जून 1941 में हुआ था।'

राज्य में और राज्य से बाहर रहने वाले सैंकड़ों कश्मीरी पंडितों ने झेलम और सिंधु के इस संगम में स्नान किया। झेलम और सिंधु नदी के संगम स्थल पर एक चिनार है। जिसके नीचे शिवलिंग भी है। श्रद्धालु नाव से पूजा करने जाते हैं। महाकुंभ का आयोजन महाकुंभ सेलिब्रेशन कमिटी ने किया था जबकि प्रशासन ने बाकी व्यवस्था की थी।

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अभिनेता शम्मी कपूर की अस्थियां उनकी वसीयत के अनुसार झेलम-सिंधु के संगम में भी बहाई गई थीं। महाकुंभ के आयोजन के समानांतर ही 11 जून को संघ से जुड़ा संगठन शेषाद्री समारोह समिति आचार्य अभिनवगुप्त यात्रा का आयोजन कर रही है। अभिनवगुप्त गुफा बडग़ाम जिले के बीरवाह में है।
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