
भ्रष्टाचार के खेल तक पहुंचने के लिए की गई 2000 कॉल्स की रिकॉर्डिंग में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इनमें आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत हैं और अन्य अधिकारियों को फंसाने की साजिश भी। IAS NEERAJ K. PAVAN, दलाल अजीज सोनी व ACCOUNTANT DEEPA GUPTA के बीच बातचीत में चौकाने वाली बातें सामने आई हैं।
ये तीनों मिलकर IAS NAVEEN JAIN को एक युवती के जाल में फंसाकर बदनाम करना चाहते थे। वजह उस समय आईएएस नवीन जैन एनआएचएम के निदेशक पद पर कार्यरत थे और नीरज के. पवन एनआरएचएम (आईईसी) के निदेशक थे। कामकाज को लेकर दोनों के बीच विवाद था। इस युवती की पहचान का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन युवती और नवीन जैन के बीच भी किसी बात को लेकर विवाद था।
एसीबी ने अजीत सोनी, नीरज के पवन, अनिल कुमार अग्रवाल, दीपा गुप्ता और स्टोर कीपर जोजी वर्गीस के बीच साठ दिन तक हुई बातचीत को रिकॉर्ड किया है।
जांच में सामने आया कि शिकायतकर्ता को फ्लेक्स बैनर बनाकर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का प्रचार प्रसार करने के लिए टेंडर दे दिया था। शिकायतकर्ता ने दो करोड़ रुपए के फ्लेक्स और बेनर छपवा लिए थे। इसके बाद नीरज के पवन, अनिल अग्रवाल और दीपा गुप्ता ने अजीत सोनी के साथ मिलकर अतिरिक्त पैसों की डिमांड की। आरोपियों ने पैसे नहीं देने पर फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की धमकी तक दे डाली।
फाइलों में है नीरज व अग्रवाल की गिरफ्तारी लायक सबूत
नीरज के. पवन व अनिल अग्रवाल के खिलाफ रिश्वत मांगने और पद का दुरूपयोग करने के ठोस सबूत जुटा लिए गए हैं। एसीबी को एनआरएचएम कार्यालय में 4 फाइले मिली है, जिनमें नियम विरूद्ध फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर जारी किए गए है। उन फाइलों में सलाहाकर दलाल सोनी खुद हैं।
नीरज व उसके ड्राइवर का घर खर्च उठाता था दलाल
अजीत सोनी ही नीरज और उनके ड्राइवर का घर का खर्चा उठाता था। ड्राइवर को हर माह अजीत सोनी दस हजार रुपए देता था। नीरज के पवन व उसके दोस्तों के लिए पार्टियां देता था। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आईएएस नीरज के पवन, दलाल अजीत सोनी, अतिरिक्त निदेशक अनिल कुमार अग्रवाल, लेखाधिकारी दीपा गुप्ता, स्टोर कीपर जॉर्ज वर्गीस के घर व दफ्तरों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने छापे मारे।
क्या है मामला
ACB ने 1.5 करोड़ के घूस मामले में 18 मई बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए NRHM IEC के तत्कालीन डायरेक्टर नीरज के. पवन, अतिरिक्त निदेशक अनिल अग्रवाल सहित चार अफसरों और एक दलाल के एक ठिकाने पर छापे मारे थे। इन पर टेंडरों में गड़बड़ी, दलाल के माध्यम से नकदी लेने, विदेशी शराब रखने, पद का दुरुपयोग व आय से अधिक संपत्ति के मामले जैसे कई मामले हैं। इससे पहले खान एवं भू-विज्ञान विभाग के सचिव अशोक सिंघवी को भी दलाल के बीच लेनदेन की बातचीत का खुलासा हुआ था।