आसाराम, कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा को झूठा फंसाया गया है: पूर्व आईपीएस

उत्तरप्रदेश। सोहराबुद्दीन शेख और इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में बेल पर बाहर आए पूर्व आईपीएस ऑफिसर डी जी वंजारा ने कहा कि वैसे ही राजनीतिक दबाव ने मुझे सलाखों के पीछे पहुंचाया था। जो इस समय आसाराम बापू के पीछे पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल पुरोहित को झूठे आरोप में फंसाया गया है।

वंजारा ने कहा मैंने एक पूर्व पुलिस अफसर की तरह आसाराम पर लगाए गए आरोपों पर गौर किया है। मुझे पता है ये मामले झूठे हैं। उन लोगों को फंसाया गया है। एनआईए ने हाल ही में साध्वी पज्ञा पर लगे आरोपों को खारिज किया है।

उन्होंने कहा कि साध्वी और आसाराम को इसलिए फंसाया गया क्योंकि वो सनातन धर्म के रक्षक हैं। 'जय श्री राम' और 'भारत माता की जय' के नारों के बीच वंजारा ने कहा कि हिंदू आतंक जैसा कुछ नहीं है। 

पूर्व वीएचपी संयुक्त सचिव नीरज जैन के बनाए हुए गुजरात अस्मिता मंच ने वंजारा के सम्मान में एक रैली निकाली। वंजारा ने भगत सिंह की प्रतिमा पर माला और एक नकली बंदूक चढ़ाई जो उन्हें तोहफे में मिली थी। भाजपा के नेता और मेयर भरत डांगर भी इस कार्यक्रम में शिरकत की। डीजी वंजारा ने अपने विरोधियों से मुकाबले के लिए अब वेबसाइट का सहारा लिया है। वंजारा ने हाल ही में अपनी वेबसाइट लॉन्च की है। इसके होम पेज पर लिखा है कि कोई हथियार, तलवार, आग, झूठे आरोप, गंदी राजनीति डीजी वंजारा की देशभक्त आत्मा को नहीं मार सकती।

फेक एनकाउंटर मामले में 8 साल जेल में बिताने के बाद वंजारा को जमानत मिली है। फिलहाल वह गुजरात में हैं। वंजारा ने कहा मैंने जेल में बहुत सा समय गुजारा है पर मैंने कभी इसका असर अपने आप पह नहीं होने दिया। वंजारा का कहना है कि हिंदुस्तान, अफगानिस्तान से लेकर म्यांमार तक फैला हुआ है लेकिम अब इसे अलग अलग भागों में बांटा जा रहा है। राष्ट्र विरोधी ताकतें भारत को विभाजित करना चाहती हैं। इसके साथ ही वंजारा गुजरात विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, 'अब यह स्पष्ट हो चुका है। मैं 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ूंगा।

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