भोपाल। मध्य प्रदेश की चित्रकूट अदालत ने पिता-पुत्र की हत्या के मामले में कुख्यात दस्यु सरगना ददुआ गैंग के हार्डकोर मेंबर सूबेदार सिंह उर्फ राधे सहित तीन आरोपियों को को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में दो अन्य आरोपियों को भी दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। डाकू सूबेदार सिंह जेल में रहते हुए यूपी विधानसभा के लिए चुनाव लड़ना चाहता है।
सतना जिले के चित्रकूट में एडीजे कोर्ट ने शनिवार को मऊ गुरदरी में हुए दोहरे हत्याकांड में पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया। आरोपियों ने पिता-पुत्र को गोलियों से भूनकर लाशों को जला दिया था। जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था उनमें से कुछ डकैत मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। इस मामले में सूबेदार सिंह, रोहणी उर्फ़ तहसीलदार व भोंडा उर्फ़ गोटर के जुर्म को रेयर ऑफ रेयरेस्ट मानते फांसी की सुनाई गई। साथ ही दो अभियुक्तों रामसागर कोल व मुंशीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई।
क्या था मामला
ददुआ गिरोह के इन पांचों सदस्यों ने 12 अगस्त 2006 को जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था। 1997 से चली आ रही रंजिश के चलते आरोपियों ने पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या करने के बाद शवों को जला दिया था। इस मामले में 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
कौन है सूबेदार सिंह
ददुआ के ढेर होने के बाद सूबेदार सिंह ने ही गिरोह की कमान संभाली थी। उसके खिलाफ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में कई मामले दर्ज थे। उस पर 70 हजार रुपए का इनाम भी था। दोनों राज्यों की पुलिस को उसकी तलाश थी लेकिन मध्य प्रदेश की सतना पुलिस को ही उसे पकड़ने में सफलता मिली थी।
जेल से चुनाव लड़ने का एलान