पेंशनर्स को बेमौत क्यों मारना चाहती है शिवराज सरकार

सर मै भोपाल समाचार का नियमित पाठक हूँ। सर आपकी पत्रिका कर्मचारी और पेंशनर्स के हितो का ध्यान रखती है। मध्यप्रदेश सरकार ने 2006 के पूर्व के पेंशनर्स को 6वें वेतमान का arrears भी नहीं दिया। हाईकोर्ट में चलने वाले केस से हमें अवगत कराते रहे है। सर सुनने में आया है की मध्य प्रदेश पुराने 2.26 फार्मूला को 7वां वेतमान में लागू करने पर विचार कर रहा हैं। न्यूनतम सैलरी 15000 करने पर विचार कर रही हैं। सर केंद्र सरकार सातवे वेतमान के 2.57 फार्मूला को बढ़ाकर 2.83 याने 18000 से 20000 करने जा रही हैं। मध्य प्रदेश न्यूनतम वेतन 15000 पर विचार कर रहा हैं। सर इससे पेंशनर्स का सबसे ज्यादा नुक्सान होगा। छटा वेतमान में तो धोखा हुआ सातवे में भी वही दोहराया जायेगा।

अभी बेसिक पेंशन और 2016 के 6 प्रतिशत डीए को जोड़ दिया जाये तो 125% होगा (मान लो  किसी पेंशनर को अभी मिलने वाले 3500 बेसिक पेंशन +125% डीए जोड़ा जाये तो बनेगा कुल 7875 पेंशन) और विचार किया जाने वाला पुराना फिटमेंट फार्मूला 2.26 गुणांक बनेगा बेसिक  7910 करीब पेंशन, तो क्या फायदा हुआ, arrears भी नहीं बनेगा। अगर मध्य प्रदेश(Da merge in basic)50 % डीए बेसिक में जोड़ दे और बाकि डीए 75 % दे तो 9187 पेंशन बनेगा पेंशनर्स को फायदा होगा। 

केंद्र सरकार 2.83 फिटमेंट फार्मूला पर विचार कर रही है। मध्य प्रदेश 2.57 देने पर भी राजी नहीं लग रही है। पेंशनर्स को मेडिकल बेन्फिट, वार्षिक वृद्धि या अन्य भत्ता भी नहीं मिलता हैं  केवल पेंशन पर गुजारा करने वालो पर यह मार क्यों। छटवे वेतमान में भी pre 2006 पेंशनर्स को 32 साल का arrears नहीं दिया गया। अब सातवां वेतमान में राज्य सरकार द्वारा किये जाने वाले कार्यवाही पर समय अनुसार आपके अखबार से कर्मचारियों और पेंशनर्स को अवगत कराये। 7000 revenue deficit वाले केरल हर पांच वर्ष में नया वेतमान देता है और उसने न्यूनतम वेतमान 17500 दिया हैं तो revenue surplus वाला मध्य प्रदेश क्यों नहीं देने में असमर्थ है ? 

shaijo mathew
shaijomathew15@gmail.com

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