
शासन को आर्थिक नुकसान
जिन 22 मामलों में विभागों ने अपने अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं की, वे सभी मामले आर्थिक अपराध से जुड़े थे। जांच में लोकायुक्त ने पाया था कि अधिकारियों-कर्मचारियों ने जानबूझकर लापरवाही की। ऐसे मामलों में फाइलें ही दबा दी गईं। इन 22 मामलों में अधिकारियों ने ठेकेदार को फायदा पहुंचाया व वहां से मोटा कमीशन लेकर खुद भी पैसा कमाया।
मंत्रियों और नेताओं के भी 187 मामले
लोकायुक्त में वर्ष 1982 से 2014 तक राजनेताओं के भी 187 मामले जांच के बाद दर्ज हुए। इनमें से भी 21 मामलों में लोकायुक्त ने जांच पूरी कर रिपोर्ट भेज दी है।
छोटे कर्मचारियों पर दनादन कार्रवाई
इधर इस दौरान विभागों ने भी 2957 राजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त में मामला दर्ज करवाया, तो वहीं 2175 गैर राजपत्रित कर्मचारियों के खिलाफ भी दर्ज है। कोर्ट में 913 मामले लंबित हैं।