
राज्य सरकार को इस समय पेट्रोल पर प्रति लीटर वैट व अतिरिक्त कर के रूप में 24 रुपए तथा डीजल पर 16.40 रुपए तक मिल रहे हैं। वाणिज्यिक कर विभाग के सूत्रों का कहना है कि फिक्स टैक्स की राशि 20 रुपए के आसपास रखने पर विचार चल रहा था, लेकिन पिछले दो माह में कीमतें बढ़ने से इससे ज्यादा पैसा मिल रहा है। इसीलिए विभाग में फिक्स टैक्स को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है।
जनता को लाभ पहुंचाने की बजाए सरकार का पूरा ध्यान इस समय खजाना भरने में लगा है। फिलहाल 24 रुपए मिल रहा है, सरकार खुश है। यदि पेट्रोल की कीमतें घंटी तो टैक्स फिक्स करके 20 रुपए प्रतिलीटर कर देंगे। अर्थ यह कि किसी भी सूरत में महंगाई घटने नहीं देंगे, उल्टा महंगाई के दौर में टैक्स बोझ भी बढ़ाएंगे।
नीयत खराब
चार्टर्ड एकाउटेंट राजेश जैन का कहना है कि राज्य सरकार की नीयत खराब है। जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही थीं, तब फिक्स टैक्स की मांग उठी थी। तब तो कुछ किया नहीं। अब सरकार फिक्स टैक्स के फार्मूले को भूल गई।
हम तय करेंगे
विधानसभा में बिल पास करके हमने पेट्रोल-डीजल पर फिक्स टैक्स लगाने के अधिकार अपने हाथ में लिया है। इसे कब लगाना है यह बाद में तय करेंगे।
जयंत मलैया, वित्तमंत्री