पुलिस नहीं पापा ने मुक्त कराया था किडनेप मासूम

ग्वालियर। सबसे पहले पापा आए थे मुझे लेने। घर के बाहर रिमोट सिस्टम वाली कार से खेल रहे 5 साल के मासूम रामेन्द्र ने यह बात कहते ही पुलिस के उन तमाम दावों को खारिज कर दिया जिसमें पुलिस ने उसे छुड़ाने की बात कही थी। इतना ही नहीं, उसने यह भी बताया कि जिन अंकल के पास वह था, उन्होंने उसे पोहा बनाकर भी खिलाए थे।

6 दिन अपहरणकर्ताओं के चंगुल में रहने के बाद सोमवार को रामेन्द्र परिवार के बीच वैसे ही नटखट अंदाज में खेलकूद करता रहा, जैसे पहले किया करता था। सोमवार दोपहर मीडिया सेना में सूबेदार शैलेन्द्र सिंह गुर्जर के घर पहुंची और उनके 5 वर्षीय बेटे रामेन्द्र से बात की। उस दौरान उसकी बुआ का बेटा सौरभ भी साथ था।

उससे जब पूछा कि वह कहां गया था तो वह मुस्करा गया। उसे अंदाजा भी नहीं था कि उसका अपहरण हुआ था और जिन्हें वह अंकल मान रहा था वह कितने खतरनाक थे। जब उससे पूछा गया कि बेटा आपको किसी ने पीटा या डांटा, तो उसने कहा नहीं अंकल ने पोहा खिलाए थे और चिप्स भी दिलाए थे। अपहरणकर्ताओं के गिरोह में महिला सदस्य की भी संभावना पुलिस को है, लेकिन रामेन्द्र से जब यह पूछा कि जिनके साथ वह गया था, उसमें कोई आंटी थीं तो उसने साफ मना कर दिया। उसने अपने परिजन को भी यही बताया है।

पूरा ख्याल रखते थे अपहरणकर्ता
अपहरण करने वालों में एक अंकल थे, जिन पर बच्चे की देखरेख की पूरी जिम्मेदारी थी। उसे रोज नहलाया जाता था। जब अपहरणकर्ताओं ने उसे परिजन को सौंपा, तो उसके स्कूल बैग से बेबी टूथ ब्रश, टूथ पेस्ट, साबुन रखे मिले।
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