
मामला 1 सरकार ने अक्टूबर में तीन दिन के लिए मुख्य सचिव सहित सारे अफसरों को जनकल्याणकारी योजनाओं की मैदानी हकीकत जानने के लिए भेजा। फीडबैक आया कि योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है। जन समस्याओं का भी गांव में अंबार मिला।
मामला 2 रतलाम लोकसभा के उपचुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गांव गांव घूमें। चौपाल लगाई। लोगों से सीधी बात में पता चला कि सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। लोगों को निराश्रित और वृद्धावस्था पेंशन तक नहीं मिल रही है।
मामला 3 विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कई विधायकों ने बेलगाम नौकरशाही का मुद्दा उठाया। भोपाल नगरनिगम कमिश्नर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला आया। सत्ताधारी दल के विधायकों ने कहा कि एसपी-कलेक्टर उनका फोन तक नहीं उठाते।
मामला 4 अफसरशाही से नाराज विधायकों के साथ सीएम ने वन टू वन बातचीत की। अब तक लगभग 30 विधायकों का फीडबैक लिया। सभी ने सुस्त प्रशासन की बात सीएम से कही। सरकार की तमाम योजनाओं के बारे में बताया कि अफसरों की बेरूखी के चलते आम आदमी परेशान है,कहीं भी उसकी सुनवाई नहीं हो पा रही है।
सतना कलेक्टर पर गिरेगी गाज - सतना के कलेक्टर संतोष मिश्रा पर सुस्त गवर्नेंस की गाज गिर सकती है। दरअसल हुआ ये कि 29 दिसंबर को सीएम ने मैहर में आमसभा ली। इसमें सीएम ने जनता से पूछा कि 'पट्टे मिले ,फिर पूछा' मिला आपको रिक्शा, हाथठेला मिला या नहीं। सभी सवालों का जवाब नहीं में मिला। तब सीएम ने कलेक्टर संतोष मिश्रा और रीवा कमिश्नर एसके पाल को मंच पर बुलाया। दोनों की तरफ इशारा कर बोला कि पट्टे की कार्रपाई शुरू करवाइए। कैंप लगाकर रिक्शा, हाथठेला वालों का सर्वे कराइए। तारीख बताइए कब तक हो जाएगा। कलेक्टर ने कहा 10 जनवरी तक सारे काम हो जाएंगे। उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि इस हकीकत को जानने के यह तय माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार सतना कलेक्टर को हटा देगी।
5 कलेक्टर 1 ननि आयुक्त हटाए,एक आईएएस निलंबित
बेलगाम अफसरशाही के चलते रोजाना ही सरकार की किरकिरी हो रही है। यही वजह है कि कई तरह के मामले सामने आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। पिछले चार में माह 5 कलेक्टर और एक ननि आयुक्त मैदान से हटाए जा चुके हैं। वहीं अनुसूचित जाति कल्याण के आयुक्त पद से हटाए गए जेएन मालपानी को निलंबित भी किया जा चुका है।