जज ने खुद फोन लगाया फिर भी पुलिस नहीं आयी

इंदौर। डायल 100 पर करोड़ों खर्च कर रिस्पॉन्स टाइम सुधारने का पुलिस का दावा बुधवार शाम हवा हो गया। सेशन जज द्वारा सूचना देने के बावजूद एक किमी दूर एमजी रोड थाने में बैठी पुलिस जिला कोर्ट नहीं पहुंची। सांसें उखड़ने लगीं तो वकीलों और जजों ने खुद ही घायल को अस्पताल पहुंचाया। हालांकि एक घंटे बाद वॉट्सएप पर मैसेज देख एक सीएसपी जरूर मौके पर पहुंच गई।

जिला कोर्ट के न्यायिक कर्मचारी शैलेंद्र शर्मा बुधवार शाम करीब 7 बजे इंडियन कॉफी हाउस के पास अपनी कार में घायल मिले। वे जेएमएफसी नरसिंह बघेल की कोर्ट में बाबू हैं और शाम करीब 6.30 बजे कोर्ट का काम निबटाकर घर के लिए निकले थे। एडवोकेट संजय मेहरा ने बताया कि वे पार्किंग से कार निकाल रहे थे तभी उन्होंने देखा कि शर्मा कार में बेसुध पड़े हैं। उनके पेट और कंधे पर चाकू के वार थे। 

उन्होंने तुरंत साथी वकीलों और सेशन जज को सूचित किया। सेशन जज बीके द्विवेदी मौके पर पहुंचे। उन्होंने एमजी रोड पुलिस को घटना की जानकारी दी। मेहरा ने बताया कि करीब 20 मिनट इंतजार के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची तो साथी वकील और जज घायल शर्मा को कार से सीएचएल अस्पताल ले गए। घटना की जानकारी लगते ही सीजेएम दीपक कुमार पांडे, नगर निगम जज जितेंद्रसिंह कुशवाह, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पीके शुक्ला भी अस्पताल पहुंचे। शर्मा का इलाज कर रहे डॉ. केजी अग्रवाल ने बताया कि शर्मा को पेट और कंधे पर चार वार लगे हैं। उनकी हालत स्थिर है। शर्मा ने होश में आने पर साथी वकीलों को बताया कि हरीश नामक व्यक्ति ने उस पर हमला किया है। उसने हरीश के खिलाफ एक केस लगा रखा है।

अस्पताल से लौटे तो आती दिखी सीएसपी
वकीलों ने बताया कि शर्मा को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद करीब 8 बजे वे कोर्ट परिसर लौटे तो उन्हें सीएसपी प्रभा चौहान कोर्ट में आती दिखीं। वकीलों ने उन्हें घटना की जानकारी दी और बताया कि सेशन जज के फोन लगाने के बावजूद पुलिस अब तक नहीं आई। इस पर उन्होंने वकीलों को बताया कि उन्हें वॉट्सएप के जरिये वारदात की खबर लगी, जिसके बाद वे जिला कोर्ट पहुंचीं। थाने से अब तक उन्हें कोई खबर नहीं दी गई है।

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