पत्नी की संपत्तियों पर पति हक नहीं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर किसी संदिग्ध स्थिति में पत्नी की मौत हो जाती है तो पति या ससुराल पक्ष उसकी संपत्तियों और स्त्रीधन पर अपना हक नहीं जता सकता। मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने स्पष्ट किया है कि अगर शादी के सात साल के भीतर किसी महिला की संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत हो जाती है तो उसकी संपत्ति उसके बच्चों या उनके न होने पर उसके मायके के लोगों को दे दी जाएगी। 

इस कंडीशन में पति कर सकता है दावा
हालांकि, न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर सामान्य परिस्थितियों में महिला की मौत होती है तो उसके ससुराल पक्ष के लोग उसकी संपत्ति पर अपना दावा कर सकते हैं। 

3 महीने के अंदर पत्नी के सुपुर्द कर देना चाहिए दहेज
सुप्रीम कोर्ट ने दहेज निवारण अधिनियम की धारा 6 का जिक्र करते हुए कहा कि शादी के तीन महीनों के भीतर दहेज में मिले सामान को वधु को सुपुर्द किया जाना चाहिए। महिला का पति या उसके ससुराल वाले यदि उसकी चल-अचल संपत्तियों को उसके हवाले नहीं करते तो उनपर मुकदमा चलाया जा सकता है। 

क्या है मामला?
न्यायालय ने यह फैसला एक आदमी और उसके परिवारवालों के ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई करने के बाद सुनाया। इस मामले में शादी के 15 महीनों के भीतर ही महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी और वे पत्नी के घरवालों को उसकी संपत्ति वापस नहीं करना चाहते थे।
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