
मंत्रालय सूत्रों के अनुसार हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों से कहा कि जैसे ही केंद्र सरकार आयोग की सिफारिशें लागू करने की घोषणा करेगी, राज्य में भी इसका लाभ कर्मचारियों को दे दिया जाएगा। जब कुछ अफसरों ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति का हवाला दिया तो मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कह दिया कि जब सरकार को बढ़े हुए वेतनमान का लाभ देना ही है तो इंतजार क्यों कराया जाए? इसलिए बजट में ही इसका प्रावधान करें।
कर्मचारियों के बीच मजबूत होगी छवि
सरकार के इस कदम के राजनीतिक मायने भी हैं। सरकार किसी भी हाल में कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहती और वेतनमान का लाभ तत्काल देने से कर्मचारी हितैषी होने की छवि और भी मजबूत होगी। केंद्र के साथ ही वेतनमान देने से सरकार पर एरियर देने का बोझ भी नहीं रहेगा।
छठा वेतनमान : तब 5 किस्तों में मिला था एरियर
यह पहली बार होगा कि कर्मचारियों अथवा पेंशनरों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। छठवें वेतनमान का लाभ राज्य के कर्मचारियों को 2009 में मिला था। एरियर पांच किस्तों में दिए गए थे। इसी तरह तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समय पांचवें वेतनमान के एरियर्स कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में डाल दिए गए थे, जबकि शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने की परंपरा आरंभ कर दी गई है।
वेतन आयोग पहले ही सैलरी में डीए को कर चुका है शामिल
दिसंबर में ऑल इंडिया कंजूमर प्राइस इंडेक्स हाई रहेगा। परिणामस्वरूप डीए 125% से अधिक रहना चाहिए। सरकार हर छह महीने में महंगाई भत्ते (डीए) की समीक्षा करती है। चूंकि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सैलरी में डीए को पहले ही शामिल कर दिया गया है। इसलिए संभवतः सरकार जनवरी 2016 में महंगाई भत्ते की घोषणा नहीं करेगी। जब छठवें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2006 से लागू की गईं थी तब जनवरी से जून तक महंगाई भत्ता नहीं दिया गया था। यह जून 2006 से दिया गया था।
केंद्र ने अभी जारी नहीं की डीए की किस्त
वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की जद्दोजहद में केंद्र सरकार ने अभी तक जनवरी में देय डीए (महंगाई भत्ता) की किस्त जारी नहीं की है। सितंबर में कैबिनेट द्वारा 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाकर बेसिक वेतन का 119 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी जो एक जुलाई 2015 से लागू हुआ।