
शैलभ की माता मंजुला व भाई वैभव गौड़ ने बताया कि शैलभ के सी.ओ. से शैलभ के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना पाकर पठानकोट रवाना हो गए। शैलभ की हालत खतरे से बाहर बताई गई लेकिन अभी भी वह आई.सी.यू. में दाखिल है। चिकित्सकों ने बताया कि लगभग 10 दिन आई.सी.यू. के रखने के बाद सर्जीकल वार्ड में भेजा जा सकता है और उसकी आगामी चिकित्सा पठानकोट अथवा अम्बाला में की जा सकती है।
शहीद गुरसेवक के साथ संभाला था मोर्चा
शैलभ शहीद गुरसेवक के साथ ही मोर्चे पर तैनात था। पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन में आतंकियों को ढूंढने के लिए चलाए जा रहे सर्च आॅपरेशन के दौरान गरुड़ कमांडो फ़ोर्स के गुरसेवक और शैलभ की नजर सबसे पहले झाड़ियो में छिपे आतंकियों पर पड़ी। उन्होंने आतंकियों को देखते ही फायर किए। आतंकियों ने भी फायरिंग शुरु कर दी। इसमें शैलभ को 6 गोलियां लगी। इसके बावजूद वे 1 घंटे तक आतंकियों से लड़ते रहे।
मॉडलिंग का शौक रखता है शैलभ
शैलभ के बड़े भाई वैभव ने बताया कि शैलभ को मॉडलिंग का शौक है। वह अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में मॉडलिंग किया करते थे।