नईदिल्ली। गुजरात में पटेल समुदाय को आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे हार्दिक पटेल जल्दी ही दिल्ली में दस्तक देने वाले हैं और वह राजस्थान तथा आस पास के राज्यों के कुर्मी समुदाय को एकजुट करने के लिए अक्टूबर में रामलीला मैदान में रैली करेंगे।
पटेल ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह जाति के आधार पर आरक्षण देने के पक्षधर हैं और आर्थिक आधार या किसी अन्य आधार पर आरक्षण का समर्थन नहीं करते।
उन्होंने यह भी साफ कहा कि वह आरक्षण खत्म करने की वकालत नहीं करते बल्कि इसकी समीक्षा चाहते हैं जिससे जिस समुदाय को इसकी जरूरत है, उसे आरक्षण मिल सके। पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि वह किसान, जवान, मजदूर तथा अपने पटेल समुदाय को मजबूत बनाने के लिए देश भर में आंदोलन करेंगे।
युवा नेता ने यह भी कहा कि वह किसी राजनीतिक दल का न तो समर्थन करेंगे और न ही किसी राजनीतिक दल से समर्थन चाहते है। उन्होंने कहा कि जो भी संगठन या समुदाय अपने आंदोलन में उनसे सहयोग मांगेगा, वह उसकी मदद करने को तैयार हैं।
पटेल ने कहा कि गुजरात में पटेल समुदाय के केवल 5 प्रतिशत लोग ही धनी हैं और ये लोग हीरे या दवा के कारोबार से जुड़े हैं। पटेल समुदाय के बाकी 95 फीसदी लोगों की हालत अच्छी नहीं है और उन्हें आरक्षण की जरूरत है। इन्हें अन्य पिछडा वर्ग के तहत आरक्षण दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह अपनी बात को मजबूती से उठाने तथा दिल्ली और आसपास के राज्यों के कुर्मी समुदाय के लोगों को एकजुट करने के लिए अक्टूबर में रामलीला मैदान में रैली करेंगे। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस अभियान में सभी प्रांतों के कुर्मी समुदाय के लोग मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल पिछले 60 साल से विभिन्न समुदायों को आरक्षण के नाम पर लड़ा रहे हैं लेकिन वह देश को जोडऩे की बात करते हैं और चाहते हैं कि वह विश्व गुरु बने। उनके द्वारा सरदार पटेल के फोटो का इस्तेमाल किए जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि सरदार पटेल के पौत्र मना करेंगे तो वह उनके फोटो का उपयोग नहीं करेंगे।
वैसे उन्होंने कहा कि सरदार पटेल पूरे देश के नेता थे और उन्होंने देश को जोडऩे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गुजरात में आरक्षण आंदोलन के दौरान बच्चों और महिलाओं पर पुलिस अत्याचार का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिटिश राज में भी महिलाओं और बच्चों पर इतना जुल्म नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पटेल समुदाय इसे खामोशी से सहन नहीं करेगा बल्कि इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।