मप्र के भ्रष्ट 113 अफसरों को बर्खास्त करो: लोकायुक्त

भोपाल। भ्रष्ट अफसरों को लेकर सरकार के ठंडे रवैए पर लोकायुक्त डीजी ने कड़ा ऐतराज जताया है। लोकायुक्त ने ऐसे 113 अफसरों को बर्खास्त करने के लिए कहा है, जिन्हें भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में अदालत ने सजा तक सुना दी है। मुख्य सचिव अंटोनी डिसा को लिखी चिट्ठी में लोकायुक्त डीजी अजय शर्मा ने कहा है कि इन सभी अफसरों को बर्खास्त किया जाए। यदि इनमें से कुछ रिटायर हो चुके हैं तो उनकी पेंशन रोकी जाए।

डीजी की ओर से चार दिन पहले यह पत्र सीएस को भेज दिया गया है। ये सभी 113 अफसर व कर्मचारी 21 अलग-अलग विभागों से हैं। अब तक लोकायुक्त पुलिस की ओर से संभागवार सूची बनाकर भेजी जाती थी। ऐसा पहली बार हुआ है, जब लोकायुक्त पुलिस ने विभागवार इसकी सूची बनाकर सीएस को भेजी है। जिन अफसरों व कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाना है, उनमें सबसे ज्यादा राजस्व विभाग के हैं। इसके अलावा गृह और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 13-13 अधिकारी, कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाना है।

107 को नहीं हटाया
इस पत्र में ऐसे 107 अधिकारी, कर्मचारियों के नाम भी मुख्य सचिव को भेजे गए हैं, जिन्हें निलंबित नहीं किया गया है। ये सभी प्रदेश के वे अधिकारी-कर्मचारी हैं, जिनके खिलाफ लोकायुक्त पुलिस भ्रष्टाचार या पद के दुरुपयोग की कार्रवाई कर चुकी है। दोनों ही पत्रों में 31 जुलाई 2015 तक की गई कार्रवाई के संबंध में लिखा गया है।

कानून है, क्यों इंतजार
सूत्रों के मुताबिक हर सरकारी कर्मचारी को सिविल सर्विसेज कंडक्ट रूल का पालन करना पड़ता है। इन्हीं सेवा शर्तों के उल्लंघन पर उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। इसमें साफ उल्लेख है कि यदि किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ नैतिक पतन की शिकायत होती है तो उसे निलंबित किया जाए।

अफसरों से पूछेंगे
गृहविभाग के 13 दोषी हैं तो उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अफसरों से भी पूछूंगा कि अब तक ये कार्रवाई क्यों नहीं की गई। - बाबूलाल गौर, गृहमंत्री

बख्शे नहीं जाएंगे
डीजी लोकायुक्त का पत्र फिलहाल मुझे मिला नहीं है। यदि इन प्रकरणों में सजा हो चुकी है तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
अंटोनी डिसा, मुख्य सचिव

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