भोपाल। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ऐसे कई लोगों के नाम एफआईआपर से हटाने जा रही है जिन्हें एसआईटी ने आरोपी बनाया था लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं जुटा पाई। आरोप है कि एसटीएफ ने कई युवाओं का जीवन ही बर्बाद कर दिया है। सीबीआई इन मामलों को फिल्टर कर रही है। माना जा रहा है कि ऐसे करीब 1000 नाम हैं जो परीक्षार्थी या पिता पालक हैं और उनके खिलाफ एसटीएफ के पास कोई सबूत नहीं हैं, फिर भी उन्हे आरोपी बनाया गया, जेल में ठूंसा गया।
गौरतलब है कि सीबीआई द्वारा एसटीएफ से व्यापमं जुड़े 12 प्रकरण लिए गए हैं जिसमें करीब तीन हजार आरोपी हैं।
सीबीआई का मानना है कि एक आरोपी ने यदि दूसरे का नाम लिया तो सिर्फ इसी आधार पर उसे उसे आरोपी नहीं बनाया जा सकता। उसके खिलाफ पुख्ता सबूत चाहिए, जो कई मामलों में नदारद हैं। इसके अलावा दलालों से बातचीत के कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी बनाना तार्किक नहीं है। कोर्ट में कैसे सिद्ध करेंगे कि गड़बड़ी के सिलसिले में ही बात हुई?
कुछ नए नाम भी सामने आएंगे
सीबीआई की जांच में कुछ ऐसे नए नाम भी सामने आएंगे जिन्हे एसटीएफ ने किसी पॉवरफुल प्रेशर के चलते छोड़ दिया था। सीबीआई पूरे मामले की नए एंगल से जांच कर रही है। वो एसटीएफ की जांच करने के तरीके से ही सहमत नहीं हैं। इस जांच में एसटीएफ के कई अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं।