भोपाल। केंद्र सरकार ने रेलवे यात्री सुविधाओं में सुधार करने के मकसद से रेल अफसरों और ठेकेदारों की लगाम सीधे मुसाफिरों के हाथ में देने का फैसला किया है। ट्रेनों-स्टेशनों की सफाई, शौचालय, बिस्तरबंद (बेडरोल), खानपान, ट्रेनों का समय पालन, कोच में कूलिंग आदि सुविधाओं की गुणवत्ता यात्री नंबर देकर तय करेंगे। घटिया सुविधा मिलने पर यात्री जीरो नंबर दे सकेंगे। इससे रेलवे प्रशासन सुधार करने के साथ ही संबंधित अधिकारी-ठेकेदार पर कार्रवाई कर सकेगा।
कैसे होगी शिकायत
रेल मंत्रालय ने जन सहभागिता के जरिए यात्री सुविधाओं में सुधार करने का काम जुलाई से शुरू कर दिया है। इसकी जिम्मेदारी आईआरसीटीसी के कंधों पर है। इसके तहत आईआरसीटीसी के इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पोंस सिस्टम (आईवीआरएस) के जरिए रेल पूछताछ सेवा 139 से अचानक किसी भी यात्री के मोबाइल पर फोन जाता है। यात्री को रिकॉर्ड की गई आवाज सुनाई देती है जिसमें उपरोक्त छह प्रकार की सुविधाओं की गुणवात्ता से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। इसके बाद बहुत अच्छी सेवा होने पर यात्री को मोबाइल पर दो नंबर दबाने को कहा जाता है। यदि सेवा संतोषजनक है तो यात्री 1 नंबर दबा सकते हैं। घटिया व खराब सेवा के लिए यात्री शून्य दबा सकते हैं।
फीडबैक का काम शुरू
रेल अधिकारी ने बताया कि आईवीआरएस के जरिए मेल-एक्सप्रेस टे्रनों में प्रतिदिन एक लाख यात्रियों से फीडबैक लिया जा रहा है। इसका मकसद यात्रियों सुविधाओं को गुणवत्तापरक बनाना है। जिस क्षेत्र में शिकायतें होगी उसे रेलवे प्रशासन दुरुस्त करेगा। इससे रेलवे व आईआरसीटीसी की निगरानी व्यवस्था का टेस्ट होगा।
यात्रियों से ली राय
आईआरसीटीसी के सीएमडी अरुण मनोजा ने बताया कि हर रोज चलने वाली 1,500 से अधिक मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों से फीडबैक लिया जा रहा है। प्रत्येक ट्रेन में 70-80 आईवीआरएस कॉल हो रहे हैं। हमारा लक्ष्य प्रतिदिन एक लाख यात्रियों से संपर्क करना है। इसके लिए कई बार 1.5 से दो लाख से अधिक कॉल किए जाते हैं। चलती ट्रेन में कमजोर नेटवर्क के चलते ऐसा होता है। छह यात्री सुविधाओं में से मुसाफिर से दो के बारे में राय ली जाती है।
रेलवे ने सर्वे शुरू किया
रेल मंत्रालय ने बिस्तरबंद सामान जैसे चादर, तकिया, तौलिया, कंबल आदि को लेकर यात्री सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है। रेलवे यह सेवा आगामी 17 अगस्त से शुरू करने जा रही है। रेल मंत्रालय की वेबसाइट पर बिस्तर के रंग, आकार, डिजाइन आदि के बारे में अपनी राय दे सकेंगे। इसके अलावा मनपंसद बिस्तरबंद के लिए यात्रियों से कितना शुल्क लिया जाना चाहिए। इसकी राय भी मांगी गई है। रेलवे ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) के साथ बिस्तर की गुणवत्ता व डिजाइन में सुधार के लिए करार किया है।