LIC आफिस में आग, रिकार्ड खाक, सेना बुलाई

ग्वालियर। फूलबाग चौराहा पर सेंटर पॉइंट कॉम्पलेक्स स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के ऑफिस में मंगलवार सुबह करीब 6.30 बजे भीषण आग लग गई। फर्स्ट फ्लोर पर मौजूद एलआईसी ऑफिस में अाग लगने की वजह बैटरियों व यूपीएस में शॉर्ट सर्किट बताई गई है।

आग के कारण ऑफिस का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर, कम्प्यूटर, फाइलें और रिकॉर्ड खाक हो गया। करीब 70 लाख का नुकसान हुआ है। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां पहुंची। इसी बीच एयरफोर्स को कॉल किया। वहां से विंग कमांडर दो हाईटेक फोम गाड़ियां लेकर आग बुझाने पहुंचे। कुल पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। मौके पर निगमायुक्त, एडीएम सहित पुलिस अधिकारी भी पहुंच गए थे। चर्चा यह भी है कि एलआईसी में चार करोड़ के घोटाले से संबंधित जांच भी चल रही थी, जिसके दस्तावेज फूलबाग ब्रांच में थे। यही खाक करने आग लगाई गई।

एयरफोर्स का 60 मिनिट आॅपरेशन
9.30 बजे एयरफोर्स की दो रोजन बोर गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। एयरफोर्स विंग कमांडर प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में 15 क्रू मेंबर्स ने 60 मिनट के भीतर आग के सोर्स को ढूंढा और काबू पाया। एयरफोर्स यहां ऑस्ट्रिया से मंगवाई गईं दो रोजन बोर गाड़ियां लाई थी।

CSP ने SDM को धकिया दिया
सेंटर प्वाइंट कॉम्पलेक्स में आग लगने के दौरान भीड़ हटाते हुए सीएसपी जोर सिंह भदौरिया ने एसडीएम रिंकेश बैस को भी धकिया दिया जिससे वे अनबैलेंस होकर गिर पड़े। इस पर एसडीएम ने अपना परिचय दिया तो सीएसपी ने कहा कि हम भी चपरासी नहीं है। दोनों के बीच बहस जैसी स्थिति पैदा हो गई। एसडीएम ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की। दोपहर में कलेक्टर संजय गोयल ने एसपी हरिनारायणचारी मिश्रा के सामने सीएसपी व एसडीएम की सुलह कराई। कलेक्टर संजय गोयल ने बताया कि सुलह के बाद भी मामला नहीं निपटता है तो शिकायत पर कार्रवाई होगी।

होर्डिंग्स के कारण नहीं बुझा पाए आग
फर्स्ट फ्लोर के सामने और आसपास इतने होर्डिंग लगे थे कि पाइप से पानी डालने के लिए जगह ही नहीं थी। नगर निगम ने थ्रीडी मशीन बुलाकर होर्डिंग हटवाए। जिस हॉल में आग भड़की थी, उसके कांच तोड़े तब खिड़कियों से पानी अंदर जा सका। यह सारे होर्डिंग अवैध थे, जो आग बुझाने के कार्य में बाधक बने।

46 गाड़ी पानी, 37 फायर ब्रिगेड
नगर निगम के फायर अमले ने आग बुझाने के लिए 46 गाड़ी पानी डाला। 37 फायर ब्रिगेड कर्मियों ने मोर्चा संभाला। आग इतनी भीषण थी कि नगर निगम के फायरकर्मी अंदर नहीं घुस सके। दरअसल, अमले के पास फायर सूट के साथ अत्याधुनिक उपकरण ही नहीं थे। इस वजह से बाहर से ही पानी डाल कर आग बुझाने के प्रयास किए गए।

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