व्यापम: सरकार ने CBI को दिया मनहूस बंगला

भोपाल। मप्र में व्यापमं घोटाले की जांच करने आई सीबीआई की टीम को अस्थाई आफिस बनाने के लिए मप्र सरकार की ओर से जो बंगला दिया गया है, उसे मनहूस बंगला कहा जाता है। भोपाल के पॉश इलाके प्रोफेसर कॉलोनी में स्थित बी-10 बंगले में अब कोई रहना नहीं चाहता। यह लम्बे समय से उजाड़ पड़ा हुआ था। तारीख गवाह है, इस बंगले में जो जो भी आया, वो बर्बाद हुए बिना नहीं बचा।

66 साल पुराना बंगला
भोपाल की एक पहाड़ी पर स्थित यह बंग्ला तकरीबन 66 साल पुराना है। कहा जाता है कि शुरू से ही इस बंगले में जो भी रहा है उसके साथ हमेशा से विवाद जुड़े होते हैं। यूं तो भोपाल में सरकारी मकान चाहने वालों की पेडिंग एप्लीकेशन लम्बी है, लेकिन कोई इस बंगले को नहीं लेना चाहता।

क्या है बंगला नंबर 10 का तिलिस्म?
जब दिग्विजय सिंह सूबे के मुख्य मंत्री थे, तो सबसे पहले वन मंत्री दयाल सिंग तुमराची यहाँ आकर रहे। वो मंत्री सुख ज्यादा दिनों तक भोग पाते उससे पहले ही उनको रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया और वे पद से ऐसे हटे कि उनका पूरा राजनैतिक करियर ही चौपट हो गया।

उसके बाद कुछ अधिकारी यहां रहने आये, तो वो विवादित होते रहे। भाजपा की सरकार आई, तो उमा कैबिनेट के मंत्री मोती कश्यप यहां रहने आये। उन्हें मामूली सी गलती पर मंत्री पद से हटा दिया गया। उसके बाद वो कभी मंत्री नहीं बन पाए। यहां तक कि विधायक का चुनाव भी हार गए।

बाद में ये बंगला मिला स्कूल शिक्षा मंत्री लक्ष्मण सिंह गौड़ को। इंदौर के गौड़ बहुत जुझारू नेताओं में शुमार थे, लेकिन उनकी भी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।

उसके बाद किसी मंत्री ने भी इस बंगले में जाने की हिम्मत नहीं जुटाई। बीच इस बंगले को आईपीएस अधिकारी अनुराधा शंकर ने लिया, लेकिन उन्होंने भी दो महीने में ही इसे छोड़ दिया।

थक हार कर सरकार ने यहां जिला पंचायत का दफ्तर खोल दिया। जिला पंचायत के सीईओ ज्ञानेश्वर पाटिल (आईएएस) पर एक युवक के यौन शोषण का वीडियो इसी बगलें में बना। वो बिना कपड़े पहने कैमरे में कैद भी हुए, कुछ महीने सस्पेंड रहे।

उसके बाद से इस बंगले को मंत्रियों और अधिकारियों ने पूरी तरह से खारिज ही कर दिया। पिछले कई महीनों से ये उजाड़ पड़ा था। अब ये बंगला फिर गुलज़ार होना शुरू हुआ है, जब व्यापमं मामले की जांच करने आई सीबीआई ने इसे अपना कैम्प बनाया है। सीबीआई के दफ्तर के लिए इस बंगले में रंग रोगन का काम चल रहा है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!