व्यापमं घोटाला: सबको पता था, लेकिन सब चुप थे

भोपाल। मध्यप्रदेश में कैंसर की तरह फैल कर लोगों की जान ले रहे व्यापमं घोटाले की पोल भी एक कैंसर मरीज की बीमारी ने ही खोली थी। घोटाले को सबसे पहले सामने लाने वाले आशीष चतुर्वेदी की मां को कैंसर के ‌इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने के बाद ही इस घोटाले की कड़ियां खुलनी शुरू हुई।

मीडिया से बात करते हुए आशीष ने बताया कि उनकी मां की मौत कैंसर से हुई थी।साल 2010 में जब मां को कैंसर था वो उन्हें लेकर मेडिकल कालेज में पहुंचे। इस दौरान जब उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था तभी उन्हे कुछ जूनियर डॉक्टरों को देखकर एहसास हुआ कि ये डॉक्टर कैसे बन गए।

इस पर उसने विदिशा के रहने वाले बृजेन्द्र रघुवंशी नाम के जूनियर डॉक्टर से दोस्ती बनानी शुरू की। बृजेन्द्र के पिता देवेन्द्र रघुवंशी भाजपा के बड़े नेता हैं। शुरूआत में बृजेन्द्र ने बताया कि वो तो बहुत मेहनत से पढ़ाई करके यहां तक पहुंचा है।

लेकिन उसके हाव भाव से नहीं लगता था कि उसने सच में इतनी मेहनत की है। जैसे जैसे आशीष की दोस्ती बृजेन्द्र के साथ गहरी होती गई वह उससे खुलता चला गया। फिर उसने खुद बताया कि जब पीएमटी की प्रवेश परीक्षा चल रही थी तब वह भोपाल के डीबी मॉल में बैठकर मूवी देख रहा था।

जबकि उसकी जगह कोई और परीक्षा दे रहा ‌था। बाद में कैंसर से आशीष की मां की मौत हो गई। जिसके बाद उसने इस घोटाले का खुलासा करने को खुद का जुनून बना लिया। उसने एक एक कर इसके सबूत इकट्ठा करने शुरू किए।

आशीष ने बताया कि वो इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग के उप सचिव मेडिकल अधिकारी एसएस कुमरे को सूचना देने पहुंचे तो उन्होंने हस कर कहा पूरे कुंए में भांग मिली हुई है, तुम भी इस नशे का मजा लो। तुम्हे अभी यह (पैसा) नहीं मिला है जब मिल जाएगा तो तुम्हे भी मजा आने लगेगा।

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