भोपाल। विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी पर बैठे किसी भी व्यक्ति के लिए यह शर्मनाक कहा जाएगा कि विपक्षी महिला विधायकों ने उसे चूड़ियां दिखाईं। दरअसल बसपा की महिला विधायक सदन में चप्पल दिखाने वाले विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहीं थीं। जब अध्यक्ष महोदय ने कोई कार्रवाई नहीं की तो महिला विधायकों ने उन्हें चूड़ियां दिखा दीं।
सत्र के तीसरे दिन बुधवार को बसपा विधायकों ने विरोध का मोर्चा संभाला। चारों विधायक सत्यप्रकाश सखवार, बलवीर दण्डोतिया, शीला त्यागी और उषा चौधरी नीले रंग के एप्रिन पहनकर सीधे गर्भगृह में पहुंच गए और मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगने लगे। प्रश्नकाल में पहला सवाल भिंड विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह का था, लेकिन शोर-शराबे के कारण वे सवाल नहीं पूछ सके और गुस्से में वह गर्भगृह तक पहुंचकर विरोध दर्ज कराने लगे।
तुरंत संसदीय कार्यमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें वहां से उनकी सीट पर लौटने के लिए समझाया। पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव जब हाथ पकड़कर उन्हें वापस ले जा रहे थे तो कुशवाह ने बसपा की महिला विधायकों को इशारे से चप्पल दिखाई। इससे बसपा और कांग्रेस विधायक भी गुस्से में आ गए और गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।
ये सब देख अध्यक्ष ने दस मिनट के लिए कार्यवाही स्थगति कर दी। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री हाथ जोड़कर मामले को रफा-दफा करने की बात करते देखे गए। अध्यक्ष ने दोबारा सदन को चलाने की कोशिश की लेकिन हंगामा होने पर प्रश्नकाल स्थगित कर दिया गया।
बसपा विधायकों ने अध्यक्ष से मुलाकात कर कुशवाह पर जब कार्रवाई की मांग रखी तो एक बजे के बाद प्रकरण पर विचार करने का आश्वासन मिला। इधर कार्रवाई न होने पर उषा चौधरी और शीला त्यागी आसंदी के पास हाथों में चूड़ी लेकर खड़ी हो गईं। कांग्रेस ने निंदा प्रस्ताव पर निर्णय देने का मुद्दा उठाया, लेकिन अध्यक्ष ने इस पर भी कोई व्यवस्था नहीं दी। इस पर कांग्रेसी भी गर्भगृह में आ गए और नारेबाजी का सिलसिला चलता रहा।