जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नशे के लिए उपयोग किए जा रहे कफ सीरप के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। याचिका में बताया गया था कि फेंसीड्रिल सहित कई तरह के कफ सीरप तस्करी कर लाए जा रहे हैं एवं दवा के नाम पर इनका उपयोग नशे के लिए किया जाता है।
प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस सुशील कुमार गुप्ता की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता कटनी निवासी समाजसेवी राजेश नायक उर्फ सौरभ का पक्ष अधिवक्ता सौरभ शर्मा ने रखा। उन्होंने बताया कि यह कारोबार प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से चल रहा है, इसलिए ड्रग इंस्पेक्टर इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते। हाईकोर्ट ने इस संदर्भ में कार्रवाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए। यदि अधिकारी कार्रवाई नहीं करते तो यह न्यायालय की अवमानना माना जाएगा।
- सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स करते हैं कफ सीरप का नशा
- लड़कियां भी नहीं हैं पीछे
- बदबू नहीं आती और सस्ता भी है, इसलिए लोकप्रिय
- देशभर में कार्रवाई, मप्र में मौन