रेप की सजा 10 किलो गेंहू, 500 रुपए : पंचायत का फैसला

होशंगाबाद/मप्र। मध्यप्रदेश में हरियाणा के जैसी खाप पंचायतों के चर्चे तो नहीं होते लेकिन फैसले वैसे ही होते हैं। कई इलाकों में यहां आज भी ना तो सरकार की नीतियां चलतीं हैं और ना ही भारत का कानून। नाबालिग से रेप के मामले में पंचायत ने अपने स्तर पर फैसला कर दिया और उसे स्वीकार भी कर लिया गया। पुलिस को पीड़िता का पता तक नहीं है।

आदिवासियों की एक पंचायत ने रेप के मामले में आरोपी को सजा सुनाते हुए निर्धारित किया कि वो पीड़िता को हर माह 10 किलो गेंहू और 500 रुपए नकद देगा। पंचायत का यह फैसला सभी ने स्वीकार किया। पीड़िता और उसके परिवार ने भी।

पूर्व सरपंच महेश उइके ने अपने स्तर पर पुलिस को भेजी लिखित शिकायत में कहा कि एक साल पहले गांव की एक 16 वर्षीय युवती के साथ समाज के ही एक युवक ने दुष्कर्म किया था। लेकिन पंचायत ने आरोपी को पुलिस के हवाले नहीं किया।

वहीं सरपंच शंकरलाल ने कहा कि समाज के लोगों ने ही 10 किलो गेहूं और 5 सौ रुपए हर माह देने का फैसला सुनाया था। पीड़ित परिवार भी ऐसा ही चाहता था। होशंगाबाद के एसपी एपी सिंह ने कहा कि मामले की जांच एसडीओपी को सौंपी गई है लेकिन फरियादी के नहींं मिलने के कारण पुलिस चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

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