नईदिल्ली। मप्र में इंदौर के कलेक्टर पी नरहरि के बाद अब केरल के कोझीकोड जिलाधिकारी प्रशांत नायर भी सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के कारण राजनेताओं के निशाने पर आ गए हैं। नेताओं को डर है कि यदि इसी तरह ये अफसर लोकप्रिय होते गए तो उनके राजनैतिक कॅरियर को खतरा हो सकता है। वो चाहते हैं कि अफसर जनता के सीधे संपर्क में ना रहें ताकि उनका रुतबा कायम रहे।
याद दिला दें कि इंदौर कलेक्टर पी नरहरि अपनी पोस्टिंग के पहले से ही सोशल मीडिया पर लोकप्रिय आईएएस अफसर रहे हैं। वो अपने पेज के माध्यम से जनता से सीधे संवाद करते हैं और समस्याएं भी सुनते हैं परंतु जैसे ही वो ग्वालियर से ट्रांसफर होकर इंदौर पहुंचे तो केबीनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को उनका जनता से सीधा संवाद पसंद नहीं आया और उन्होंने कलेक्टर को सार्वजनिक रूप से धमकी भी दी, साथ ही सीएम से शिकायत भी की।
अब केरल के कोझीकोड जिले के जिलाधिकारी प्रशांत नायर नेताओं के निशाने पर हैं। उनका फेसबुक पेज नागरिकों के लिए एक अनौपचारिक प्लेटफार्म है. जिसपर वे अपनी शिकायतों की जानकारी दे सकते हैं. साथ ही अपने नए नए विचारों को भी पोस्ट कर सकते हैं. यह 24 घंटे सातों दिन खुला रहता है.
लोगों की समस्याओं से जुड़े मुद्दों पर प्रतिक्रिया जानने के लिए और एक खुली चर्चा के लिए कलेक्टर प्रशांत अपनी राय और कमेंट्स पेज पर पोस्ट किया करते रहे हैं. जिसमें वह लोगों को अपनी राय रखने के लिए कहते हैंं।
इस बीच सोशल मीडिया पर उनकी प्रसिद्धि खूब बढ़ती रही लेकिन कुछ राजनेता इसे संदेह की नजर से देखते हैं. उन्हें डर है कि कहीं कलेक्टर की बढ़ती पहचान राजनैतिक वर्ग का प्रभाव कम ना कर दे. उनकी सबसे बड़ी चिंता का विषय है कि पंचायत चुनाव आने वाले हैं. उन्हें डर है कि कलेक्टर की इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों पर पकड़ कहीं उनके चुनावी समीकरण ना बदल दे.
प्रशांत नायर पर पहला हमला कोझीकोड जिले के कांग्रेस कमेटी के प्रेसीडेंट के सी आबू ने बोला. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीटिंग में उन्होंने कलेक्टर पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "प्रशांत सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं. जो केवल एक शो-ऑफ स्ट्रेटजी है. इस उम्र में मैं उनसे संपर्क करने के लिए फेसबुक और व्हाट्सऐप नहीं चला सकता क्योंकि वह कभी हमारे फोन कॉल्स रिसीव नहीं करते. हम पंचायत चुनाव के लिए उनके कलेक्टर रहते आगे नहीं बढ़ सकते."