उपचुनाव: स्टारप्रचारकों की किनाराकशी, शिवराज के सर दारोमदार

भोपाल। गरोठ में हो रहे विधानसभा उपचुनाव में जीत या हार से मप्र विधानसभा की स्थिति में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, फिर भी यह चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। संकट यह है कि भाजपा के स्टार प्रचारकों ने भी इस चुनाव को कोई महत्व नहीं दिया और आॅडियो भी लीक हो गया। कुल मिलाकर चुनौती बड़ी है और सारा दारोमदार शिवराज के सिर आ गया है।

बीजेपी ने एक पखवाड़े पहले चुनाव आयोग को स्टार प्रचारकों की जो सूची भेजी थी उनमें से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सांसद प्रभात झा, पूर्व मुख्यमंत्रीद्वय सुंदरलाल पटवा एवं कैलाश जोशी, प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय व यशोधरा राजे सिंधिया सहित अनेक नेता प्रचार के लिए नहीं पहुंचे।

शिवराज ले रहे बूथ की बैठकें
यूं तो जातीय एवं क्षेत्रीय चुनावी समीकरण देख संगठन महामंत्री अरविंद मेनन और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान पहले ही कैम्प कर चुके थे, लेकिन स्थिति की नजाकत को देखते हुए मुख्यमंत्री ने यहां अपनी भूमिका महज प्रचारक की न रखते हुए प्रबंधन की कमान भी संभाल ली। वह हेलिकॉप्टर, अपने 'लकी' रथ के अलावा खुली जीप से भी घूम रहे हैं।

सभी 261 बूथों के कार्यकर्ताओं से वह रूबरू संपर्क कर रणनीति बनाने में भी सक्रिय हैं। बुधवार को भी वह प्रचार सभा, रोड शो एवं चुनावी प्रबंधन में जुटे रहे। 25 जून का पूरा दिन भी उन्होंने गरोठ के लिए आरक्षित रखा है। अब तक 200 बूथ के कार्यकर्ताओं से वह सीधा संपर्क कर चुके हैं।

सूची बनाई लेकिन सूचना नहीं भेजी
बीजेपी ने स्टार प्रचारकों के रूप में भले ही नेताओं के नाम जारी कर दिए हों, लेकिन बताया जाता है कि सांसद प्रभात झा एवं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित कई नेताओं को चुनाव प्रचार का बुलावा ही नहीं भेजा गया।

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