ग्वालियर। ग्वालियर फोर्ट स्थित सहस्त्रबाहु (सास बहू)मंदिर परिसर में बनी एक दीवार से करीब 900 वर्ष पुरानी पत्थर दुर्लभ प्रतिमाएं निकली हैं, जो कि 11वी-12वीं शताब्दी के आसपास की बताईं जा रही हैं। पिछले ही दिनों मंदिर परिसर में बनी यह दीवार गिर गई थी। जब इसका मलबा हटाने का कार्य शुरू हुआ तो इसमें से दुर्लभ मूर्तियां निकलीं। इनमें पांच प्रतिमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं जबकि कुछ प्रतिमाएं खंडित निकली हैं। सुरक्षित प्रतिमाओं में भगवान विष्णु, शिव और गणेश की प्रतिमा के अलावा अन्य प्रतिमाएं शामिल हैं। फिलहाल इस स्थान पर जाना वर्जित कर दिया गया है और मलवा हटाने का कार्य जारी है।
सबसे दुर्लभ अपंग महिला की प्रतिमा
दीवार के मलबे से अपंग महिला की प्रतिमा सबसे ज्यादा दुर्लभ है। जानकारों का कहना है कि इस शैली में प्रतिमा कम ही देखने को मिली हैं। प्रतिमा के दुर्लभ होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसका दायां हाथ 16 सेमी और बायां हाथ 13.5 सेमी का है। इससे पता चलता है कि बाएं के मुकाबले सीधा हाथ ज्यादा शक्तिशाली होता है।
11वीं सदी में बना मंदिर
जानकारों की मानें तो ग्वालियर फोर्ट पर सहस्त्रबाहु मंदिर का निर्माण 11वीं-12वीं शताब्दी के बीच हुआ। इसका निर्माण राजा पदमपाल के समय शुरू हुआ। इसे उनके भाई राजा महिपाल ने पूरा कराया। नागर शैली का यह मंदिर करीब 20 वर्ष में बनकर तैयार हुआ।