रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों में गरियाबंद की पुलिस ने शहीद जवान के अंतिम संस्कार के लिए दी गई राशि को वापस मांगा है. गरियाबंद रक्षित केंद्र से 2011 में शहीद हुए एक जवान के भाई को पत्र लिखा गया है, जिसमें अंतिम संस्कार के लिए दिए गए 10000 रुपए वापस लौटाने की मांग की गई. इस मामले में सरकार की किरकिरी हुई तो बुधवार की सुबह बीजापुर से वापस लौटते ही सीएम रमन सिंह ने मुख्य सचिव विवेक ढांड और डीजीपी एएन उपाध्याय को तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा.
जिस अधिकारी ने पत्र जारी किया था, उसे सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही, गरियाबंद पुलिस अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. मामला मीडिया में आने के बाद मंगलवार की देर रात डीजीपी एएन उपाध्याय ने नोटिस वापस लेने के निर्देश दे दिए थे.
गौरतलब है कि रक्षित केंद्र गरियाबंद से रक्षित निरीक्षक नितेश द्विवेदी द्वारा 23 मई, 2011 में नक्सली हमले में शहीद हुए एसपीओ किशोर पांडेय के भाई कौशल पांडेय को पत्र लिखा गया था. 12 अप्रैल को जारी इस पत्र का विषय है, 'शहीद एसपीओ किशोर पांडेय के अंतिम संस्कार हेतु वेलफेयर फंड से प्रदाय अग्रिम राशि की वापसी बाबत.'
पत्र में लिखा गया कि शहीद के कफन-दफन हेतु वेलफेयर फंड से उनके परिवार को 10000 रुपए दिए गए थे. ये पैसे अभी तक वापस नहीं किए गए हैं, इसके लिए 8 जून, 2014 को पत्र जारी किया गया था, लेकिन परिवार द्वारा पैसे नहीं जमा किए गए. पत्र में जल्द से जल्द पैसे जमा कराने की बात लिखी गई है. पत्र की एक कॉपी गरियाबंद एसपी को भी भेजी गई है. घटना के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया है.
राज्य के नक्सल प्रभावित गरियाबंद जिले के निरीक्षक निलेश द्विवेदी ने नक्सली हमले में शहीद किशोर पांडेय के भाई कौशल पांडेय को नोटिस जारी कर अंतिम संस्कार के लिए कल्याण कोष (वेलफेयर फंड) से दी गई अग्रिम राशि की मांग की है.
कौशल पांडेय को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि दिनांक 23 मई वर्ष 2011 को एसपीओ किशोर पांडेय नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए थे जिनके अंतिम संस्कार के लिए तात्कालिक रूप से अशासकीय निधि कल्याण कोष से दस हजार रूपए की अग्रिम राशि उनके परिवार को दी गई थी.
नोटिस के मुताबिक इस राशि का समायोजन करने के लिए कौशल पांडेय से पहले भी पत्राचार किया गया था. कौशल पांडेय से कहा गया है कि वह तत्काल राशि जमा कराएं.
