भोपाल। कांग्रेस के दो विधायक नारायण त्रिपाठी (मैहर) और दिनेश अहिरवार (जतारा) के मामले में नया मोड़ आ गया है।
विधानसभा सचिवालय ने भाजपा से पूछा है कि उसने इन विधायकों को सदस्यता दी या नहीं? यदि हां, तो सदस्यता रसीद मुहैया कराई जाए। भाजपा से जवाब मिलने के बाद इनकी विधायकी पर फैसला होगा।
कांग्रेस विधायक दल ने लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा सचिवालय को नोटिस देकर आरोप लगाया था कि त्रिपाठी और अहिरवार ने भाजपा की सदस्यता ले ली और चुनाव में भाजपा के पक्ष में काम किया। त्रिपाठी ने तो मुख्यमंत्री के साथ चुनावी सभा में मंच भी साझा किया। शिकायत पर कार्रवाई न होने पर विधायक दल के सचेतक रामनिवास रावत ने सचिवालय को पत्र लिखकर दोनों विधायकों पर पार्टी व्हिप के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए विधानसभा की सदस्यता से बर्खास्त करने की मांग की थी।
खारिज किए आरोप
दिनेश अहिरवार ने विधानसभा के नोटिस के जवाब में कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया, वहीं त्रिपाठी ने जवाब ही नहीं दिया। सूत्रों की मानें तो त्रिपाठी कांग्रेस तो छोड़ने के मूड में हैं, पर भाजपा उन्हें उपचुनाव में टिकट की गारंटी नहीं दे रहीं इसके चलते वह कई बार दावा करने के बावजूद उन्होंने विस से इस्तीफा नहीं दिया।
जवाब पर तय होगा अगला कदम
विधानसभा के प्रमुख सचिव भगवानदेव ईसरानी ने बताया कि भाजपा संगठन के जवाब पर आगामी कार्रवाई की दिशा तय होगी। यदि भाजपा सदस्यता की पुष्टि कर देती है तो नियमानुसार कदम उठाए जाएंगे।