शिक्षा के निजीकरण का विरोध करेगा राज्य कर्मचारी संघ

भोपाल। सरकारी स्कूलों का निजीकरण करना सरकारी तंत्र को लकवा मारने जैंसा हैं क्योंकि केन्द्र एवं राज्य सरकारों के राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संचालन में शिक्षकों की महत्वूपर्ण भूमिका होती हैं यह सत्य हैं कि सरकारी षिक्षकों से शिक्षा प्रदाय करने के अलावा राज्य सरकारें अन्य कार्याे में उनका योगदान लेती रही हैं। फलस्वरूप पढ़ाई का स्तर गिरने का ठीकरा शिक्षकों के ऊपर फोडा जाता हैं।

यदि सरकार शिक्षा के प्रति वाकई गम्भीर है तो आये दिन किये जा रहे प्रयोगो को बंद कर शिक्षकों से सिर्फ शैक्षणिक कार्य ही करायें तो छात्र एवं प्रदेश का हित होगा। आज मध्यप्रदेश में सभी प्रदेशों से दयनीय हालत में अध्यापक हैं। जिसमें आज 17 सालों से यह सरकार अध्यापकों को मृत्यु बीमा, स्थानान्तरण पाॅलिसी तथा सबसे महत्वपूर्ण अनुकम्पा नियुक्ति तक नही दे पायी। आज अध्यापकों के पास रिटायर्टमेन्ट पर ग्रेज्युटी का लाभ भी यह सरकार नही दे पायी।

वही दूसरी और शिक्षा विभाग और अध्यापकों का कार्य पंचायत विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग तथा अन्य दूसरे विभाग द्वारा कराये जा रहे हैं। प्रदेश में ऐसा कोई विभाग नही जो शिक्षक/अध्यापकों से कार्य न लेता हों, चाहे वह जनगणना हो, त्रिस्तरीय चुनाव हो, स्वास्थ्य विभाग द्वारा षिक्षको से कृमिनाषक गोलियो का बटवाना हो, राजस्व विभाग द्वारा षिक्षक/अध्यापको से जाति और आय प्रमाण पत्र बनवाना हो, मध्यान्ह भोजन बनवाना हो, बालक-बालिका शौचालय बनवाना हो आदि अनेक कार्य आज भी राज्य सरकार षिक्षक/अध्यापको के भरोसे ही कर पा रही हैं। उसके बावजूद एक ही विभाग का काम करते हुए षिक्षक/अध्यापको में जमीन आसमान का अन्तर हैं। क्या यह राज्य सरकार को दिखाई नही देता।

अध्यापक षिक्षक अपनी असीम योग्यताओं का इस तरह से कैसे उपयोग करे जबकि राज्य सरकार अनेक तरह के गैर शैक्षणिक कार्य कराती आ रही हैं। आज मध्य प्रदेष में अध्यापको/षिक्षकों की जो दूर्दषा हैं उसका कारण यह राज्य सरकार हैं।

अगर मध्य प्रदेष में षिक्षा का निजीकरण होगा तो मध्य प्रदेष राज्य कर्मचारी संघ और इससे जुडे सहयोगी संघ जैंसे अध्यापक संविदा षिक्षक संघ, गूरूजी संघ, औपचारिकेतर संघ, आदि सभी संघ मिलकर सरकार की षिक्षा में प्रायवेट पब्लिक पार्टनरषिप का पुरजोर विरोध करेगंे। इस संबध में 3 अप्रेल को भोपाल मे बैठक आयोजित की गई है जिसमें आगामी रणनीति तय की जावेगी ।

जितेन्द्र सिंह
प्रदेश अध्यक्ष
मो. - 94253-93148

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