ब्रिटेन सरकार ने शुरू की हिन्दू संगठन के खिलाफ जांच

लंदन। संघ से प्रभावित एक धर्मार्थ संगठन अपने कथित कट्टरपंथी विचारों से ब्रिटेन में जांच के घेरे में आ गया है। आईटीवी नेटवर्क की डॉक्युमेंट्री 'चैरिटी बिहेविंग बैडली' में हरफर्डशर में एक यूथ कैंप में हिंदू स्वयंसेवक संघ (HSS) की टीचर को कैमरे पर अन्य धर्मों खासकर मुस्लिम और ईसाई धर्म विरोधी बातें करते कैद किया गया।

मामले के तूल पकड़ने के बाद ब्रिटिश प्रशासन ने यह कदम उठाया। वहीं HSS का कहना है कि कैमरे पर जिस व्यक्ति की तस्वीर दिखाई गई है, वह संगठन की पदाधिकारी नहीं हैं। भविष्य में और सावधानी बरती जाएगी कि उसके (एचएसएस के) प्लैटफॉर्म से ऐसे विचार प्रकट न किए जाएं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सांप्रदायिक सद्भावना के खिलाफ हो।

1968 से ही इंग्लैंड में
हिंदू स्वयंसेवक संघ (HSS) 1968 से ब्रिटेन में अपना मिशन चला रहा है। यह भारत के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा का अनुसरण करता है। ब्रिटेन में चैरिटी को मॉनिटर करने वाले संस्थान ने संबंधित विडियो में व्यक्त किए गए चरमपंथी और अनुचित विचारों के खिलाफ कानूनी जांच बिठा दी है। जांच के निदेशक मिशेल रसेल ने बताया कि वीडियो के फुटेज काफी विचलित करने वाले हैं। यह गंभीर मामला है और पुलिस इस पर कार्रवाई करेगी। आम लोगों के लिए ये फुटेज चिंता का विषय हैं, क्योंकि इससे धर्मार्थ संगठनों के प्रति विश्वास कम होता है।
आतंकियों की तारीफ?

ब्रिटेन में इस्लाम और ईसाई धर्म से जुड़े कुछ संगठनों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। इस्लामिक धर्मार्थ संगठन 'ग्लोबल ऐड ट्रस्ट' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को आईटीवी ने आतंकियों की प्रशंसा करते और सीरिया में आतंकी बनने की सलाह देते दिखाया था। इस ट्रस्ट के खिलाफ आर्थिक गड़बड़ी के एक मामले की भी जांच चल रही है।

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