नया कानून: कर्मचारी ने दी रिश्वत तो डायरेक्टर जेल जाएंगे

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ए पी शाह की अध्यक्षता वाले लॉ कमिशन ने आगामी भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक के एक अहम प्रावधान पर सवाल उठा दिए हैं। अगर किसी कंपनी के कर्मचारी ने बिजनस पाने या बनाए रखने के लिए किसी सरकारी कर्मचारी को रिश्वत दी हो तो इस प्रावधान के मुताबिक उसे ऐसा करने से रोक नहीं पाने के लिए संबंधित कंपनी के समूचे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स पर आपराधिक आरोप लगाए जा सकते हैं।

लॉ मिनिस्टर सदानंद गौड़ा को 12 फरवरी को 50 पन्नों की यह रिपोर्ट दी गई। जिस प्रावधान पर सवाल है, उसके मुताबिक अगर यह साबित हो गया कि अपराध को कंपनी की सांठगांठ से अंजाम दिया गया, तो उसकी समूची टॉप लीडरशिप को जेल हो सकती है। प्रस्तावित कानून में ऐसे अपराध के लिए 3 से 7 साल की जेल का प्रावधान किया गया है।

लॉ कमिशन की रिपोर्ट में कहा गया है, 'इस प्रावधान का असर यह है कि अगर किसी कंपनी D का बेंगलुरु में बैठा कर्मचारी P वहां के किसी लोकल गवर्नमेंट ऑफिशल R को किसी सरकारी मंजूरी के लिए रिश्वत देता है तो कंपनी की समूची टॉप लीडरशिप इसके लिए जिम्मेदार होगी। इससे वे तभी बच सकते हैं, जब कंपनी यह साबित करे कि उसके पास ऐसी हरकतों को रोकने का पर्याप्त प्रावधान है। प्रस्तावित कानून का प्रावधान कंपनी के सभी डायरेक्टर्स को दोषी मानेगा, भले ही उनमें से कोई 2000 किमी़ दूर दिल्ली में बैठा हो और कर्मचारी की हरकत की जानकारी न होने की बात साबित करने का जिम्मा हर डायरेक्टर पर होगा।'

लॉ कमिशन ने जो नया ड्राफ्ट प्रस्तावित किया है, उसमें कहा गया है कि केवल उसी अधिकारी को रिश्वत देने का जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, जिसकी सहमति से या जिसकी सांठगांठ से ऐसा किया गया हो।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!