भोपाल। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों के निर्वाचन में मतदाता की पहचान स्थापित करने के लिए 18 दस्तावेज निर्धारित किये गए हैं। इसमें से कोई भी एक दस्तावेज मतदाता दिखा सकता है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री आर. परशुराम ने जानकारी दी है कि पहचान के लिए निर्धारित दस्तावेज हैं - भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया मतदाता पहचान-पत्र, राशन कार्ड/नीला राशन कार्ड/पीला राशन कार्ड, बैंक/किसान/डाकघर पासबुक, शस्त्र लाइसेंस, फोटो युक्त सम्पत्ति दस्तावेज जैसे पट्टा, रजिस्ट्रीकृत विलेख आदि, विकलांगता प्रमाण-पत्र, निराश्रित प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचान-पत्र (पीएएन कार्ड), राज्य/केन्द्र सरकार/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/ स्थानीय निकाय या अन्य निजी औद्योगिक संस्थानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले सेवा पहचान-पत्र, छात्र पहचान-पत्र, सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी अ.जा./अजजा/ अन्य पिछड़ा वर्ग/अधिवासी प्रमाण-पत्र, पेंशन दस्तावेज जैसे कि भूतपूर्व सैनिक पेंशन अदायगी आदेश/भूतपूर्व सैनिक विधवा/आश्रित प्रमाण-पत्र, रेलवे पहचान-पत्र, स्वतंत्रता सेनानी पहचान-पत्र, फोटोयुक्त आधार कार्ड और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी फोटोयुक्त मतदाता पर्ची। इनमें से कोई भी दस्तावेज जो परिवार के मुखिया के पास ही उपलब्ध होता है, परिवार के दूसरे सदस्यों की पहचान के लिए भी उपयोग किया जा सकेगा। इसी प्रकार से परिवार के किसी दूसरे सदस्य के नाम से कोई दस्तावेज अन्य सदस्यों की पहचान के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।
एक महत्वपूर्ण सूचना
पूर्व में प्रावधान था कि यदि कोई मतदाता कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहता है, तो पीठासीन अधिकारी स्थानीय शासकीय विद्यालय के शिक्षक या किसी शासकीय कर्मचारी अथवा किसी प्रतिष्ठित स्थानीय निवासी से उसकी पहचान स्थापित कराने के उपरांत, उसे मत देने के लिए अधिकृत कर सकेगा। अब इस प्रावधान को निरस्त कर दिया गया है।