कोलकाता। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने कहा है कि उनके पिता चुप नहीं रहते थे। उन्होंने कहा, 'मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि लोगों ने मेरे पिता पर 'चुप्पी साधने वाले' का लेबल आखिर क्यों लगा दिया।'
दमन सिंह ने कहा कि पिछले 10 सालों के दौरान मनमोहन ने जो कुछ कहा, वह उसका संग्रह सामने लाएंगी। वह टाटा स्टील कोलकाता साहित्यिक सम्मेलन में बोल रही थीं। दमन ने अपनी किताब 'स्ट्रिक्टली पर्सनल : मनमोहन ऐंड गुरशरन' पर खुलासा करते हुए कहा, ''एक के बाद एक हो रहे कॉमेंट्स में कहा जा रहा है वे चुप्पी साधे रहने वाले आदमी थे। यह कुछ ऐसा है जिसे मैं पूरी तरह समझ नहीं पा रही हूं। इन दिनों मैं पिछले 10 सालों में मेरे पिता ने जो कुछ भी कहा उसका संग्रह करने में जुटी हुई हूं।''
यह किताब 1930 से 2004 तक पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी की जिंदगी के बारे में है। अपनी किताब के बारे में दमन ने कहा कि इसमें विषय के तौर पर मनमोहन सिंह के तत्काल कहे गए और तैयार करके दिए गए, दोनों तरह के भाषणों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही साथ मीडिया के साथ उनकी बातचीत के रिकॉर्ड को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया, ''इस कलेक्शन में 800 भाषण हैं जो करीब 5000 पृष्ठों में है। इसमें सभी प्रकार के मौकों पर आनन-फानन में और तैयार कर दिए गए भाषण हैं। इसमें मीडिया के लोगों से 80 बार बातचीत की गई है जिसमें लोग अपनी मर्जी से उन्हें जो चाहे सो कहने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं।'' उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने भारत में या विदेश यात्रा के दौरान मीडिया की ओर से पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया है।
दमन ने कहा, ''इसलिए मैं इस बात को भी सामने लाउंगी कि मेरे पिता ने हर समय यात्रा की थी। उन्होंने हमेशा मीडिया से जुड़े लोगों को साथ लिया जो उनके साथ होते थे। उन्होंने हमेशा कई प्रेस कॉफ्रंस भी किए।'' उन्होंने कहा, ''ईमानदारी से मैं सचमुच नहीं समझ पा रही कि आखिर लोगों ने क्यों उन पर चुप्पा का लेबल लगा दिया।''
