ग्वालियर। ग्वालियर शहर के सर्वाधिक प्रदूषित होने के मामले में प्रस्तुत एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट खण्डपीठ ग्वालियर के न्यायमूर्ति एसके गंगेले तथा शील नागू की खण्डपीठ ने केन्द्र तथा राज्य सरकार सहित केन्द्रीय प्रदूशण नियंत्रण बोर्ड कलेक्टर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, कमिष्नर, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूशण नियंत्रण बोर्ड ग्वालियर से चार सप्ताह में जबाव मांगा है कि ग्वालियर शहर दुनिया का सबसे प्रदूशित शहर कैसे बन गया।
अधिवक्ता अवधेष सिंह भदौरिया की ओर से एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई कि विष्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्श 2013 में जारी रिपोर्ट के अनुसार 90 देषों के आंकड़े प्रदूशण के संबंध में एकत्रित किये गये, जिसमें ग्वालियर को दुनिया सबसे अधिक प्रदूशित षहर पाया गया। उसके बाद रायपुर तथा दिल्ली का नम्बर है। टूटी सड़कें, अवैध उत्खनन, वाहनों का धुंआ तथा षराब वियर एवं औद्योगिक अन्य फैक्ट्रियों से निकलने वाला रसायनयुक्त कचरे का नियमानुसार डिस्पोजल ने होने की वजह से ग्वालियर विष्व का प्रदूशित षहर बन गया है।