अरुण जेटली के रिश्तेदार ने 5 लाख में बेची थी राज्यपाल की सीट

अशोक नीर/अमृतसर। लग्जरी गाड़ियां चुराकर उसमें शाही सवारी कर नेताओं व आम जनता को प्रभावित करने वाला शिव पंडित शुक्ला राजनेताओं का भी "बॉस" था। धारा प्रवाह हिंदी बोलने वाले शिव पंडित ने राजनीतिक आकाओं पर पैठ बनाने के लिए पहले रानी का बाग स्थित संघ कार्यालय में दस्तक दी।


वहां पैठ बनाने के बाद उसने भाजपा नेताओं को प्रभावित करने के लिए लखनऊ में बैठे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ जुड़े अपने मित्र के संबंधों का राजनीतिक लाभ लेना शुरू कर दिया।

शिव पंडित स्थानीय भाजपाइयों को इतना प्रभावित करने लगा कि मानों भाजपा के दिल्ली दरबार में उसकी तूती बोलती हो। बातों-बातों में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ टेलीफोन पर बात करने का ढोंग रचने वाले शिव ने कई स्थानीय भाजपा नेताओं को अपने रसूख के प्रभाव से ठगा है।

शिव पंडित की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय उच्च पदों पर बैठे कई भाजपा नेता स्तब्ध हैं। शिव पंडित बड़ी-बड़ी गाड़ियां बदलकर उसमें वीआईपी नंबर लगाकर कई नेताओं को "सफर" करवाता था।

2012 में नगर निगम चुनाव के बाद कई भाजपा पार्षदों को मेयर का पद दिलाने के लिए उसने भारी-भरकम राशि वसूली। एक वयोवृद्ध भाजपा नेता को लोकसभा चुनाव के बाद किसी प्रदेश का राज्यपाल बनाने के लिए भी राशि ठगी है। इसी तरह भाजपा के एक दलित नेता को चेयरमैन बनाने के लिए भी उसने भारी रकम वसूली।

सत्ता के गलियारों के साथ टेलीफोन पर सीधी बातचीत का ड्रामा करने वाले शिव पंडित के आगे कोई भी भाजपाई बोलने के लिए जहमत नहीं उठाता था।

शिव पंडित इतना शातिर था कि वह भाजपा के बड़े नेताओं के घरों में दिन ढलने के बाद दस्तक देता था। नेताओं के घरों में सुबह-शाम कार्यकर्ताओं का हुजूम रहता था, तब वह दूर रहता था। जैसे ही शाम ढली, नेताओं के साथ ड्राइंग रूम में बैठ कर बड़ी-बड़ी राजनीतिक योजनाएं बनाकर नेताओं को मंत्रमुग्ध करने वाला शिव पंडित कितना खोखला था, इसकी जानकारी भाजपाई नेताओं को उसकी गिरफ्तारी के बाद हुई है।

शिव पंडित शुक्ला की दोस्ती होशियारपुर के एक बड़े भाजपा नेता के साथ थी। इस नेता को वह पल-पल में फोन करता था। भाजपा नेताओं को बताता था कि इस नेता को उसने कौन-कौन से पद दिलवाए हैं। भाजपाइयों के अनुसार शिव पंडित को प्रवासी सेल का चेयरमैन बनाया गया था। इस चेयरमैन की बड़ी प्लेट उसने अपनी बड़ी गाड़ियों में लगा रखी थी।

शिव की गिरफ्तारी के बाद उसके मोबाइल फोन में नंबरों की डिटेल खंगालने पर न केवल लग्जरी गाड़ियों को चुराने वाले गिरोह के साथ जुड़ी अन्य कई जानकारियां उपलब्ध होंगी, बल्कि शुक्ला किन-किन भाजपाई नेताओं के संपर्क में था और उनके माध्यम से उसने शासक तंत्र तक कैसे पकड़ बनाई, इसका भी खुलासा होगा।

अरुण जेटली को रिश्तेदार बताता था शिव पंडित
लग्जरी गाड़ियां चुराने वाले सात सदस्यीय गिरोह में शामिल शिव पंडित उर्फ मोंटू शुक्ला उर्फ शिव कुमार शुक्ला खुद को देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली का रिश्तेदार बताता था। शिव के तार उत्तर प्रदेश के कानपुर व गोंडा से जुड़े हैं। दोनों जिलों में शिव पंडित को लोग मोंटी शुक्ला के नाम से जानते हैं।

शिव पंडित अक्सर अपनी पहचान फोन पर एसपी (शिव पंडित) या एसपीएस (शिव पंडित शुक्ला) देता था। मंहगे फोन, लग्जरी गाड़ियों का शौक, घर पर नेताओं का आना-जाना। यह सब मोहल्ले के लोग देखते लेकिन चुप रहते।

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