निर्धन बच्चों को ए​डमिशन के लिए जनवरी तक करना होगा इंतजार

भोपाल। सीबीएसई और आईसीएसई से संबद्घ शहर के स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।ज्यादातर स्कूल दिसंबर-14 अंत तक दाखिले की कार्रवाई पूरी कर लेंगे, लेकिन इन स्कूलों में अपने बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने की चाहत रखने वाले अभिभावकों को जनवरी तक इंतजार करना पड़ सकता है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने अभी 'निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई)' के तहत गरीब एवं कमजोर बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों ने हाल ही में इस दिशा में काम शुरू किया है।

सब ठीक रहा, तो नवंबर अंत तक एडमिशन का लक्ष्य निर्धारित हो जाएगा और दिसंबर मध्य तक एडमिशन की प्रक्रिया जारी हो सकती है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो एडमिशन प्रक्रिया नए साल में ही जारी होगी। ऐसे में 15 जनवरी से पहले एडमिशन शुरू होना संभव नहीं है। पिछले साल भी 16 जनवरी से एडमिशन शुरू हुए थे। पिछले साल 1.70 लाख बच्चों के एडमिशन का लक्ष्य था। इसमें से 1.35 लाख बच्चों ने निजी स्कूलों में एडमिशन लिया।

आरक्षित रखना होंगी सीट
राजधानी में सीबीएसई से संबद्घ 62, आईसीएसई से 3 और राज्य शासन से 1300 स्कूल हैं। इनमें से सीबीएसई और आईसीएसई के 48 स्कूलों ने अल्पसंख्यक का प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर मुफ्त के दाखिले से मुक्ति पा ली है। अब राज्य शासन और अब तक अल्पसंख्यक घोषित नहीं हुए। सीबीएसई-आईसीएसई के 17 स्कूलों में आरटीई के प्रावधान के तहत प्रथम कक्षा में गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए सीट आरक्षित रखी जाएंगी। जिन पर दूसरे बच्चों को एडमिशन नहीं दिए जा सकते हैं।

किस साल कितने प्रवेश हुए
2011-12 1 लाख 1,37,058
2012-13 1.50 लाख 1,38,612
2013-14 1.72 लाख 1,48,503
2014-15 1.70 लाख 1,35,000

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प्रदेश एवं जिले में प्राइवेट स्कूलों की संख्या

स्कूल अल्पसंख्यक
प्रदेश : 28000 1300 (लगभग)
भोपाल : 1298 48 (सभी सीबीएसई)

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