भैंसान के नाले में अवैध खुदाई कर रहा है भोपाल का ठेकेदार

लाड़कुई/सीहोर। कई बार न्यूज पेपर में प्रकाशन के बाद भी प्रशासन द्वारा अवैध उत्खनन पर लगाम नही लग पा रही है। आये दिन ठेकेदारों द्वारा रोड़ के निर्माण के लिये अवैध तौर पर राजस्व की भूमि पर उत्खनन करते देखे जा रहे है। ऐसा ही एक मामला भोपाल के ठेकेदार द्वारा खापा(भैसान) से पाटतलाई को रोड़ का निर्माण का ठेका लिया गया है।


जिसमें बजरी भैसान से निकलने वाले नाले से अवैध रूप से उत्खनन किया गया और खापा की ओर जाने वाले मार्ग पर भी पहाडी पर मिट्टी की खुदाई की जा रही है। ठेकेदार द्वारा जेसीवी से खुदाई का कार्य किया जा रहा है। अधिकारी अभी भी नींद में है गाॅव के आस-पास बिना अनुमति से खुदाई कर रोड़ पर बजरी डाली जा रही है। जहाॅ काफी गहरे गड्डे हो चुके है। गड्डो में बरसात के समय पानी भर जाने से कोई भी गम्भीर घटना घट सकती है। जिसकी जबाबदारी कौन लेगा।

नही की जा रही कार्यवाही
सीएम के क्षेत्र में दबंगता से हो रहे अवैध उत्खनन पर कोई भी अधिकारी इन पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही कर रहे है इससे साफ पता चलता है कि अधिकारियों की मिली भगत से हो रहा है। अवैध उत्खनन की जानकारी अधिकारियों को होने के बाद भी अंजान बन रहे है। जबकि रोड़ बनाने के लिये शासन रेत, गिट्टी, बजरी, मुरम, एवं पानी तक के पैसे शासन द्वारा ही ठेकेदार को दिये जाते है तो फिर रोड़ बनाने के लिये बजरी व मुरम कहाॅ से लायेंगे इस बात की जानकारी अधिकारी को नही है।

जितना अवैध उत्खनन प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में हो रहा है उतना सायद ही ओर कही हो। जब भी खनिज अधिकारियों या संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेने की कोशिश की जाती है। उनका रटा-रटाया जबाब होता है कि आपने सूचना दी मामले की जाॅच की जायेगी। जब कि शासन द्वारा ग्राम में सचिव, चौकीदार व पटवारी की नियुक्त की व्यवस्था होने के बाद भी ग्राम की गतिविधि की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नही होती हो ऐसा समझ से परे है। इससे साफ जाहिर होता है कि सक्षम अधिकारी अपने कर्तव्य के प्रति कितने सजग व जिम्मेदार है।

शासन को लग रहा चूना
वही शासन को ठेकेदार कई हजारो रूपये का चूना लगा रहे है बिना किसी रायल्टी के मनमर्जी के स्थान पर उत्खनन कर मुरम व बजरी निकाल रहे है और कई स्थानो पर तो नालो व नदी से भी बजरी निकाली जा रही है जिससे नालो व नदी का स्वरूप में भी परिवर्तन आता है। जिसका खामियाजा वहा पर कृषि करने वाले किसानो को चुकाना पडता है जिससे बारिस में नाले व नदी का पानी खेत में भर जाता है जिससे किसानो की फसलो में हानि होती है। दूसरी ओर बिना रायल्टी दिये उत्खनन से राजस्व विभाग को भी आय में हानि होती है। लग जाता है।

देते है अधिकारी की दुहाई
भैसान रोड़ पर कार्य कर रहे ठेकेदार से जब अवैध उत्खनन के बारे में जानकारी ली तो उन्होने कहाॅ की पाॅच दिन पहले कलेक्टर सीहोर द्वारा बैठक ली गई थी। जिसमें हमें अनुमति दी गई थी कि षासन का रोड़ है षासन का कार्य है। इसलिए आप रोड़ के कार्य हेतु कही से भी उत्खनन कर सकते है। लेकिन जब सम्वाददाता ने रोड़ ठेकेदार से कहाॅ की हम इस बात की जानकारी कलेक्टर महोदय से लेते है तो ठेकेदार के सुरो में अचानक बदलाव आ गया जिससे साफ जाहिर होता है कि ठेकेदार वरिप्ठ अधिकारियों के नाम का सहारा लेकर अवैध उत्खनन करते है।

मुझे जिस बात की जानकारी दी है उसे में पटवारी को भेजकर दिखाता हॅू ओर अगर कोई उत्खनन हुआ तो उस ऐजेंसी के विरूध कार्यवाही की जायेगी।
आशुतोष शर्मा
तहसीलदार रेहटी

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