इंदौर। मध्यप्रदेश में पुरुषों पर एड्स का अपेक्षाकृत बड़ा खतरा बरकरार है. प्रदेश में पिछले करीब छह सालों के दौरान एड्स के 31,966 मरीज पता चले, जिनमें लगभग 60.50 फीसद पुरुष हैं. जानकारों का कहना है कि इस रुझान की सबसे बड़ी वजह पुरुषों का असुरक्षित यौन संबंध बनाना है.
प्रदेश में इंदौर की गिनती एड्स के फैलाव के लिहाज से सबसे संवेदनशील स्थानों में होती है. शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव अस्पताल के एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर के प्रभारी डॉ. शिवशंकर शर्मा ने आज ‘भाषा’ से कहा, ‘प्रदेश के पुरषों में एड्स के अपेक्षाकृत अधिक फैलाव का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध ही हैं.’
उन्होंने कहा, ‘वैसे देश भर में यही रुझान सामने आता है कि एड्स संक्रमण का शिकार होने के मामले में पुरुषों की संख्या महिलाओं से कहीं अधिक है. इसकी वजह यह है कि अधिकांश पुरुषों में एक से ज्यादा साथी के साथ यौन संबंध रखने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है.’
एड्स रोग विशेषज्ञ ने कहा, ‘आमतौर पर यह देखने में आता है कि ज्यादातर ट्रक ड्राइवर और सफर करने से संबंधित अन्य पेशों से जुड़े पुरष असुरक्षित सेक्स कर एचआईवी संक्रमण के शिकार हो जाते हैं. पुरषों के बीच असुरक्षित समलैंगिक संबंध भी एड्स फैलने के कारणों में शुमार हैं.’
शर्मा ने हालांकि बताया कि गुजरे बरसों में एड्स को लेकर डॉक्टरों और मरीजों, दोनों में जागरूकता बढ़ी है. नतीजतन एड्स की जांच कराने वाले लोगों की तादाद में साल.दर.साल इजाफा हो रहा है और इस बीमारी के मरीज पहले के मुकाबले कम बिगड़ी हालत में डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं.
प्रदेश एड्स नियंत्रण समिति के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2008 से अक्तूबर 2014 के बीच सूबे में 36,22,829 लोगों में एड्स की जांच की गयी, जिनमें से 31,966 लोग एचआईवी पॉजीटिव पाये गये.
इनमें 19,344 पुरष और 12,506 महिलाएं थीं, जबकि 116 तीसरे लिंग से ताल्लुक रखते थे. प्रदेश में एड्स का पहला मामला वर्ष 1988 में सामने आया था.