भोपाल। चुनाव आयोग द्वारा चार कलेक्टरों व एक एसडीएम को हटाए जाने को लेकर 'मध्य प्रदेश आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन' को आपत्ति है। एसोसिएशन का कहना है कि कलेक्टरों को बिना किसी ठोस आधार पर हटाया गया है। यह वैधानिक रूप से सही नहीं है।
आयोग ने झाबुआ कलेक्टर जयश्री कियावत, रतलाम कलेक्टर राजीव दुबे, खंडवा कलेक्टर नीरज दुबे और छिंदवाड़ा कलेक्टर महेश चंद्र चौधरी को हटाया था। इसके अलावा गुना संसदीय क्षेत्र में चंदेरी एसडीएम नेहा मरविया का तबादला जबलपुर ग्रामीण एसडीएम के पद पर किया गया था।
इस मुद्दे को लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारी मप्र में चुनाव कार्य पूरा होने के बाद मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा से मुलाकात कर विरोध दर्ज कराएंगे। हालांकि आयोग ने जब इन अफसरों का तबादला किया था, तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सवाल खड़े किए थे। इस संबंध में उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत को पत्र भी लिखा था। सूत्रों ने बताया कि आईएएस आफिसर्स एसोसिएशन की बैठक में साल भर की गतिविधियों के अलावा चार कलेक्टरों के तबादले के मुद्दे पर चर्चा हुई।
जांच में निराधार निकले आरोप
अध्यक्ष एवं अपर मुख्य सचिव पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग अरुणा शर्मा ने कहा कि उन्हें जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक नीरज दुबे और राजीव दुबे को उन पर लगे आरोप की जांच कराए बिना ही हटा दिया गया। बैठक में यह बात भी सामने आई कि झाबुआ कलेक्टर के खिलाफ हुई शिकायत पर इंदौर कमिश्नर संजय दुबे ने जांच की, जिसमें उन्होंने आरोपों को गलत बताया।
इसी तरह चंदेरी एसडीएम नेहा मरविया पर लगे आरोपों की जांच चुनाव पर्यवेक्षक ने की। इसमें मरविया पर लगे आरोपों को निराधार बताया गया। इसके बावजूद उनका तबादला कर दिया गया। इस मुद्दे को लेकर मुख्य सचिव के समक्ष विरोध दर्ज कराया जाएगा।
चारों जिलों में कांग्रेस के सांसद
एक अफसर ने ऑफ द रिकॉर्ड में कहा कि जिन कलेक्टरों को हटाया गया है, उन जिलों में फिलहाल कांग्रेस के सांसद हैं। इसको लेकर भी बैठक में चर्चा हुई, लेकिन एसोसिएशन इसे मुद्दा बनाकर सियासत नहीं होने देना चाहती।