संविदा शिक्षक भर्ती: अपर मुख्य सचिव ने कर दी सीएम की घोषणा बेअसर

भोपाल। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सीएम की उस घोषणा को बेसर कर दिया है जिसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और उन्हें आगे निकलने वाले रिक्त पदों में प्राथमिकता दी जाएगी।

स्कूल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने ताजा बयान में कहा है कि आरटीआई के प्रावधानों के तहत पात्रता परीक्षा शून्य हो गई है। नए सिरे से परीक्षा आयोजित कराने की तैयारियां की जा रहीं हैं और हम मई के अंत तक व्यापमं को प्रस्ताव बनाकर भेज देंगे।

इससे पहले बताया गया था कि व्यापमं घोटाले के कारण संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा को शून्य घोषित करके नए सिरे से परीक्षाएं कराने का विचार किया जा रहा है। इधर एक सूचना यह भी मिल रही है कि नए सिरे से होने वाली परीक्षाओं में वे ही अभ्यर्थी भाग ले सकेंगे जो 2011—12 की परीक्षा में पास हो गए थे।

इससे पहले मार्च 2013 में 68000 के विरुद्ध 5 लाख अभ्यर्थियों के पास हो जाने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि इस परीक्षा में जो भी अभ्यर्थी पास हो गए हैं और उन्हें तत्काल नियुक्तियां नहीं मिल पा रहीं हैं, उनके साथ अन्याय नहीं किया जाएगा एवं जब भी रिक्त पदों की भर्ती होगी, उसमें पास अभ्यर्थियों को ही लिया जाएगा। सीएम की इस घोषणा पर अमल भी किया गया परंतु व्यापमं घोटाले के उजागर होने के बाद अचानक मामला बदल गया। अपर मुख्य सचिव के ताजा बयान से सीएम की यह घोषणा बेअसर हो गई है।

सवाल यह उठता है कि 2011—12 में व्यापमं में यदि कोई घोटाला हुआ है तो जांच करने और घोटालेबाजों को पकड़ने की जिम्मेदारी शासन की है। इस प्रक्रिया में वो निर्दोष अभ्यर्थी क्यों सजा का हकदार बन रहा है जिसने ईमानदारी के साथ यह परीक्षा पास की थी। पुन: परीक्षाएं आयोजित कराना निश्चित रूप से ईमानदारी के साथ पास हुए अभ्यर्थियों के साथ अन्यायपूर्ण कदम कहा जाना चाहिए।

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