भोपाल। भोपाल और इंदौर में प्रस्तावित देश की पहली लाइट मेट्रो ट्रेन चलाए जाने का प्रस्ताव आगामी कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा। इस प्रस्ताव को मुख्य सचिव अंटोनी डिसा की अध्यक्षता में गठित वरिष्ठ सचिवों की समिति ने मंजूरी दे दी है।
राजधानी भोपाल में 70 किलोमीटर क्षेत्र में इस सेवा को शुरु करने में करीब 20 हजार करोड़ रुपए खर्च अनुमानित है। ऐसी स्थिति में पहले चरण में 30 किलोमीटर क्षेत्र की डीपीआर बनाकर काम शुरु करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसमें छह हजार करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है।
ऐसे बनी सहमति
हाल ही में वरिष्ठ सचिवों की समिति में अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने भोपाल और इंदौर में लाइट मेट्रो चलाए जाने को लेकर चर्चा की। समिति के सामने नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से हैवी और लाइट मेट्रो ट्रेन का प्रस्ताव लाया गया था।
इसमें दोनों प्रस्तावों का अध्ययन करने पर भोपाल और इंदौर की जनसंख्या के हिसाब से लाइट मेट्रो रेल को मंजूरी दी गई। हैवी मेट्रो ट्रेन की लागत ज्यादा आने से लाइट मेट्रो की डीपीआर तैयार करने पर सहमति बनी। भोपाल में विभिन्न चरणों में 70 किलोमीटर क्षेत्र में लाइट मेट्रो ट्रेन का विस्तार किया जाना प्रस्तावित है।
ऐसी स्थिति में यह कैबिनेट पर निर्भर करेगा कि पहले चरण में कितने क्षेत्र में मेट्रो के विस्तार की इजाजत दी जाए। बताया जाता है कि खर्च का आंकलन कर इसमें राज्य सरकार के हिस्से, केंद्र के अंश और अन्य वित्तीय संस्थाओं से कर्ज लेने पर भी विचार किया जाएगा।
दोनों शहरों के लिए लाइट मेट्रो ट्रेन का प्रस्ताव महत्वपूर्ण है। इसलिए इसके सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। -एसएन मिश्रा, प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन विभाग
ऐसी होती है लाइट मेट्रो
:जर्मनी, सऊदी अरब, दुबई और पौलेंड में लोकप्रिय
:30 से 40 किमी प्रति घंटा रफ्तार
:मोनो और हेवी मोनो ट्रेन की तुलना में सस्ती
:बोगियां मेट्रो की तुलना में छोटी व हल्की
:एक रूट की ट्रेन आसानी से दूसरे रूट पर भी जा सकती है
:परिचालन और रखरखाव का खर्च कम
:कम आबादी वाले शहरों के लिए मुफीद।