क्रैश हुए सुपर हरक्यूलिस विमान का मलवा समेट ले गए ग्रामीण

श्योपुर। मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर चंबल नदी के किनारे क्रैश हुए वायुसेना के सुपर हरक्यूलिस सी 130 जे विमान के कई पार्ट्स आसपास के गांव के लोग उठाकर घर ले गए। भले ही ये पार्ट्स अब किसी काम के न रहे हों, लेकिन इन दिनों लोगों के बीच कौतुहल का विषय बने हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि गत 28 मार्च को मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर करौली जिले में चंबल नदी के गोटा घाट के पास विमान क्रैश हो गया था। हादसे के बाद वायुसेना और प्रशासनिक अधिकारियों के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई थी। हालांकि वायुसेना के बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर क्रैश विमान का सबसे जरूरी उपकरण ब्लैक बॉक्स अपने कब्जे में ले लिया था, लेकिन विमान के कई अन्य पार्ट्स गांव वालों के हाथ लग गए।

पार्ट्स को शान से दिखा रहे ग्रामीण

मानपुर समेत आसपास के गांव में क्रैश विमान के कुछ पार्ट्स हैं। ग्रामीण इन पार्ट्स को शान से दिखा रहे हैं और देखने वाले भी उत्सुकता से देख रहे हैं। कहा जा सकता है कि विमान का मलबा भी लोगों के बीच किसी पहेली से कम नहीं है। किसी के हाथ विमान की स्टेयरिंग का टुकड़ा लगा तो किसी के हाथ विमान में फ्यूल डालने वाला उपकरण।

यही वजह है कि पास के गांव अर्रोदरी, सुठारा, मिलावली, सुखवास, ढोढर, मानपुर और जैनी में लोगों के घरों में क्रैश विमान के कई पार्ट्स देखे जा रहे हैं। ये पार्ट्स गांव के लोगों के किसी काम के नहीं हैं, लेकिन इन्हें लेकर उत्सुकता बढ़ रही है। लोगों के बीच ये पार्ट्स कौतुहल का केंद्र बन गए हैं।

बहुत महत्वपूर्ण हैं विमान के ये पार्ट्स

भारतीय वायुसेना के सबसे महंगे कार्गो विमान हरक्यूलिस को क्रैश हुए अभी कुछ दिन भी नहीं हुए कि एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। हादसे के बाद घटनास्थल पर जमा हुए लोग विमान के कई टुकड़ों को अपने साथ ले गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, इनमें से कई हिस्से (विमान के) हादसे की जांच में अहम् कड़ी साबित हो सकते हैं। क्रैश हुए विमान के पार्ट्स का इस्तेमाल विशेषज्ञ हादसे की वजह तलाशने में करते हैं। विमान के कलपुर्जे सेना अपने कब्जे में रखती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि तकनीक गलत हाथों में ना पड़ जाए। 

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