स्कूल हैं ट्रायवल के लेकिन डिस्प्ले हो रहे है एज्यूकेशन डिपार्टमेंट में

भोपाल। मण्डला जिले की सभी शालाएं आदिम जाति कल्याण विभाग के अधीन हैं लेकिन जिले की 33 शालायें ऐसीं हैं जो कि एज्यूकेशन पोर्टल में शिक्षा विभाग के अन्तर्गत डिस्प्ले हो रही हैं। इस मामले में आदिम जाति कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग दोनों ही बेफिक्र हैं लेकिन इसका सीधा खामियाजा अध्यापक संवर्ग को भोगना पड़ रहा है।

इन विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों की अंशदायी पेंशन योजना सम्बंधी समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है न इनके प्रान नम्बर और प्रान किट जारी हो रहे हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब राज्य अध्यापक संघ द्वारा अध्यापकों की अंशदायी पेंशन सम्बंधी समस्याओं के निराकरण हेतु चलाये गये अभियान के तहत कुछ अध्यापकों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा था। समस्या की तह पर जाने पर पता चला कि इन अध्यापकों के विद्यालय हैं तो ट्रायवल के लेकिन एज्यूकेशन पोर्टल में ये शिक्षा विभाग के दिखाये जा रहे हैं। 

जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने बताया कि शिक्षा विभाग के माध्यम से ही इन स्कूलों का डी.डी.ओ.पंजीयन एन.एस.डी.एल. में हुआ है लेकिन आयुक्त आदिवासी विकास को ये स्कूल न दिखने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ये विद्यालय हैं-हाईस्कूल भीखमपुर, बिलगांव, बुधरा पिपरिया, धुतका, दिवारा, गड़रा, गजराज, घटेरी, कन्या बबलिया, कन्या पिंडरई, कन्या पुरवा, कन्या सिझौरा, हीरापुर, आई.टी.आई.मण्डला, झिरिया, झुलपुर, कंटगा, कौआडोंगरी, केहरपुर, खलौड़ी, खड़देवरा, मंझगांव, निवास, रिवाड़ा,राजो, सर्री, वरिष्ठ मूलशाला मण्डला, सिलपुरा, मक्के, कन्या नारायणगंज, हायरसेंकेण्डरी अंजनिया, हायरसेंकेण्डरी बरगांव, हायरसेंकेण्डरी कन्या निवास। राज्य अध्यापक संघ ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मण्डला एवं जिला शिक्षा अधिकारी मण्डला से तत्सम्बंध में कार्यवाही कर सुधार कराने की मांग की है। यद्यपि संघ द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखा गया है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!