बिहार तक पहुंचे व्यापमं घोटाले के तार

भोपाल। पीएमटी के बाद अब वन रक्षक भर्ती परीक्षा फर्जीवाडे के तार भी बिहार से जुड रहे हैं। एसटीएफ द्वारा पुलिस रिमांड पर लिए गए मुरैना निवासी फर्जी वन आरक्षक धर्मेंद्र निगम ने इसका खुलासा किया है। आरोपी ने कबूला है कि परीक्षा में पास होने के लिए उसने बिहार के एक गिरोह से सांठगांठ की थी, जिन्हें करीब 3 लाख रुपए दिए थे।
आरोपी की निशानदेही पर गिरोह के सदस्यों की धरपकड़ के लिए जल्द ही एसटीएफ की टीम रवाना हो सकती है। सूत्रों के अनुसार बिहार के गिरोह से उम्मीदवारों का संपर्क कराने वाले मझोले दलालों के संबंध में भी पूछताछ की जा रही है। एसटीएफ का अनुमान है कि इस गिरोह ने व्यापमं की और भी कई परीक्षाआें में उम्मीदवार बैठाए हैं। गौरतलब है कि व्यापमं की वन रक्षक भर्ती परीक्षा के फर्जीवाडे में गिरफ्तार तीन वन रक्षकों को एसटीएफ ने रविवार को जिला न्यायालय में पेश किया गया, न्यायालय ने आरोपी वन आरक्षकों को 17 अप्रैल तक रिमांड पर एसटीएफ को सौंप दिया है। 

एसटीएफ के अनुसार व्यापमं द्वारा गत 3 मार्च 2013 को आयोजित वन रक्षक भर्ती परीक्षा की पड़ताल में पाया कि लाखों रुपए देकर कई उम्मीदवारों ने परीक्षा में अपनी जगह दूसरे को बैठाया था। मुरैना निवासी धर्मेंद्र निगम, ग्राम देवराखेड़ा मुरैना निवासी कुलदीप दौनेरिया और ग्राम तुस्सीपुरा मुरैना निवासी भागीरथ पिता राजेंद्र सिंह कैमोर ने अपनी परीक्षा में दूसरे व्यक्ति को बैठाया था। शनिवार को गिरफ्तार किया था।


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