आवारा कुत्तों से परेशान है इन्दौर, मामला हाईकोर्ट में

shailendra gupta
इंदौर। कुत्तों के आतंक को लेकर हाईकोर्ट की युगलपीठ में नगर निगम ने एक बार फिर हास्यास्पद जवाब दिया है। निगम का वादा है कि वह प्रतिदिन 20 कुत्ते पकड़ेगा। यानी एक माह में 600 और सालभर में करीब 7,200 कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और रेबीज के इंजेक्शन लगाने का काम करेगा।

याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि यह जवाब हास्यास्पद इसलिए है क्योंकि शहर में कुत्तों की संख्या 50 से 70 हजार है। निगम इतनी धीमी रफ्तार से इन्हें पकड़ेगा, तो यह काम दस साल में भी पूरा नहीं होगा। इस पर हाई कोर्ट ने निगम को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

गुरुवार को हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायमूर्ति शांतनु केमकर व न्यायमूर्ति जेके जैन ने संजय पांडे की जनहित याचिका पर सुनवाई की। निगम की ओर से जवाब पेश किया गया कि कुत्ते पकड़ने के लिए उनके पास वर्तमान में दो वाहन हैं। चार वाहन और खरीदने का प्रस्ताव है। छह जाल खुद की हैं और 12 एनजीओ से मिली हैं। कुछ और खरीदने का प्रस्ताव है। जो एनजीओ काम कर रही है उसके हिसाब से प्रतिदिन 20 कुत्ते पकड़ना हैं। यह काम जारी है।

इस हिसाब से सालभर में 7 हजार 200 कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी की जाएगी, जिससे उनकी संख्या में कमी होगी। साथ में इन्हें रेबीज के इंजेक्शन भी लगाए जा रहे हैं। याचिकाकर्ता के वकील अमिताभ उपाध्याय ने आपत्ति लेते हुए कहा है कि शहर में 50 से 70 हजार कुत्ते घूम रहे हैं। दो वाहन, 18 जालियां और एक एनजीओ कम पड़ेगा। संसाधन बढ़ाने के अलावा चार-पांच और एनजीओ को इस काम में लगाना चाहिए। गौरतलब है कि पिछली बार निगम ने रेबीज के इंजेक्शन लगाकर कुत्तों की संख्या कम करने का हास्यास्पद जवाब पेश किया था। इसे हाई कोर्ट ने अचंभित करने वाला माना था।

निगम ने मांगा दया केंद्र
निगम के वकील सतीश तोमर ने एमओजी लाइन स्थित पशु चिकित्सालय के 'दया केंद्र' की मांग करते हुए कहा कि वर्तमान में वह काम नहीं आ रहा है। अगर वह सौंप दिया जाए तो निगम इसका बखूबी इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने इस काम के लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल के एक रिक्त भवन को सुधारने की बात भी कही।

संस्था बताए किस तरह करेगी मदद
निगम ने यह भी कहा कि वह एक एनजीओ को कुत्ते पकड़कर उनकी नसबंदी करने और रेबीज के इंजेक्शन लगाने में सहयोग के बदले 890 रुपए दे रहा है। उधर, हेल्पिंग हैंड फॉर एनिमल संस्था की ओर से वरिष्ठ अभिभाषक अशोक चितले ने हस्तक्षेप याचिका पेश कर निगम की मदद की इच्छा जताई है। हाई कोर्ट ने संस्था को निर्देश दिए कि वह किस तरह से निगम की मदद करेगी, इसका चार्ट बनाकर कोर्ट में प्रस्तुत करे। -नप्र

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!