भैंस चरती है मध्यप्रदेश में और दूध देती है राजस्थान में

भोपाल। जी हां, वो रहते तो राजस्थान में हैं परंतु मध्यप्रदेश की प्राकृतिक संपदाओं का उपयोग करते हैं। वो कोई एक नहीं कई हैं। कई लोग नहीं बल्कि कई गांव, जो मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बसे हुए हैं।

सीमा के एक ओर मप्र का भैसोदामंडी है तो दूसरी ओर राजस्थान का भवानीमंडी। कुछ घरों के हाल तो ऐसे हैं कि मकान मप्र में है लेकिन उसका मुख्य दरवाजा राजस्थान में खुलता है। भैसोदामंडी के लोगों ने कुछ साल पहले भवानीमंडी में शामिल होने की मांग की थी जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।

यहां कस्बे एकदम सीमा पर हैं। कई गलियां ऐसी हैं जिनको देखकर अंदाजा भी नहीं नहीं लगाया जा सकता कि ये कौन से प्रदेश का इलाका है, रेलवे स्टेशन पर बुकिंग क्लर्क मध्यप्रदेश में बैठता है और टिकट कटाने वाले यात्री राजस्थान की सीमा में खड़े होकर टिकट कटाते हैं।

लोकसभा चुनाव दोनों ओर होने हैं। एक ओर, मध्यप्रदेश का संसदीय क्षेत्र मंदसौर है, तो दूसरी ओर राजस्थान का झालावाड़। यहां ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने दोनों ओर मतदाता पहचान पत्र बना रखे थे। ऐसे 54 लोगों को दोनों ओर चिह्नित किया गया। कई बार चुनाव में लोग दोनों तरफ वोट डालते हैं।

दोनों राज्यों की सीमा होने के कारण यहां लोग कई तरह के फायदे उठा रहे हैं। राजस्थान में शराब की दुकानें 8 बजे बंद हो जाती हैं लेकिन मप में 11 बजे तक खुली रहती हैं। ऐसे में राजस्थान की भवानी मंडी के नशाखोर 8 बजे बाद नशे के लिए मप्र की भैसोदामंडी चले जाते हैं।

व्यापारी करों के खेल में फायदा उठा रहे हैं। कई व्यापारियों ने सीमा के दोनों ओर अपने गोदाम बना रखे हैं। झालावाड़ जिले के कई बड़े कारोबारी ऐसे हैं जिन्होंने भवानीमंडी में गोदाम बना रखा है और मप्र में अवैध रूप से बिना कर चुकाए माल भेज देते हैं।

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