भोपाल। राजधानी क्या मध्यप्रदेश के सबसे बेहतरीन अस्पतालों में शुमार जेपी हॉस्प्टिल में हालात क्या है इसकी एक बानगी शुक्रवार को पेश हुई जब पर्चा बनवाने की कतार में लगी एक महिला को वहीं पर प्रसव हो गया।
जेपी अस्पताल प्रबंधन में शुक्रवार को उस समय खलबली मच गई, जब एक विशेषज्ञ डॉक्टर के इंतजार में रिसेप्शन काउंटर के पास ही महिला को प्रसव हो गया। महिला की मदद के लिए उसके परिजन के अलावा कोई मौजूद नहीं था। हालांकि बाद में वहां वैकल्पिक रूप से तैनात जूनियर डॉक्टरों ने महिला और नवजात को वार्ड में शिफ्ट करवाया।
यह घटना शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे के आसपास की बताई गई है। उस समय अस्पताल में मरीजों की भीड़ थी, लेकिन सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं थे। यहां प्रसूति के लिए पहुंची प्रीति के परिजन उसे भर्ती कराने के प्रयास करते रहे, लेकिन एक घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी उसे भर्ती नहीं किया जा सका। नतीजतन प्रसव अस्पताल के हॉल में ही हो गया।
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण कमोबेश यही स्थिति रही। इनमें से सबसे ज्यादा जेपी अस्पताल प्रभावित हुआ। अधिकतर परिजन अपने मरीजों को प्राइवेट क्लीनिक ले गए। अस्पताल अधीक्षक डॉ.वीणा सिंहा के अनुसार तैंतीस विशेषज्ञ व बीस मेडिकल आॅफीसर्स शुक्रवार को अवकाश पर रहे।
अस्पताल में वार्ड के बाहर हुए प्रसव के मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ.सिंहा ने बताया कि मरीज ही देर से आई। उन्होंने प्रसव के बाद मरीज को वार्ड में शिμट करने की बात कही। इंमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात हमीदिया अस्पताल के आरएमओ डॉ. अविनाश दुबे ने बताया कि वे इस स्थिति के लिए तैयार थे और उन्हें ज्Þयादा दिक्कत पेश नहीं आई। काटजू अस्पताल के डीएचओ डॉ.जीआर मेहर के अनुसार अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था के कारण यहां मरीजों को कोई असुविधा नहीं हुई।
प्लास्टर कटवाने भटकता रहा मासूम
बैरागढ़ के सिविल अस्पताल में आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने उपचार किया। कई मरीज बिना इलाज के लौट गए। यहां चार साल के बेटे हरि के पैर का प्लास्टर कटवाने आया संतोष बैरागी निवासी पिपलिया धाकड़ देर तक भटकता रहा बमुश्किल से प्लास्टर कटवाया गया। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अलका पगरगनिया ने बताया कि हड़ताल के दौरान सभी इमरजेंसी सुविधाएं दी गई हैं।
हड़ताल पूरी तरह अनुचित: प्रवीर कृष्ण
लोकस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण ने कहा कि चिकित्सा सेवा अनिवार्य सेवा है और स्वास्थ्यकर्मियों का सामूहिक अवकाश पर जाना पूरी तरह गलत है। प्रमुख सचिव शुक्रवार को मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के साथ राज्य शासन ने एस्मा लागू कर दिया था। इसके अलावा हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका के बाद जारी आदेश को स्वास्थ्यकर्मियों को तामील करवा दिया गया, जिसके बाद सेवाएं बहाल हो पाईं। उचित कार्रवाई होगी : मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ के सिवनी कलेक्टर और एसपी के स्थानांतरण की मांग पर प्रमुख सचिव ने कहा कि,‘जैसे चिकित्सा अधिकारी पर विवेचना किए बिना कार्रवाई गलत है, वैसे ही बिना जांच स्थानांतरण भी गलत है। जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।’
सुधारेंगी स्वास्थ्य व्यवस्थाए: प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण ने प्रदेश में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाने व इलाज में बेहतरी के लिए बारह सौ चिकित्सकों की भर्ती किए जाने की बात कही। उन्होंने 22 करोड़ की राशि एएनएम से लेकर मुख्य चिकित्सक को वितरित किए जाने की बात कही।