जेल तोड़कर भाग गए 7 बच्चे

भोपाल। हत्या सहित कई अन्य अपराधों के आरोपी बीते रोज जेल (बाल संप्रेक्षण गृह) की दीवार तोड़कर भाग गए। उनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है एवं इस मामले में किसी जिम्मेदार का नाम भी तय नहीं हुआ है।

पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि जुलाई 2013 में हुई 11 बच्चों की भागने की घटना और इस घटना में एक समानता है कि इस बार भी बच्चे रात 11 बजे ही फरार हुए हैं और टीवी देख रहे थे। गौरतलब है कि गुरुवार रात 11 बजे के करीब टीवी देखने के दौरान अपने कमरे में लकड़ी से दीवार में छेंदकर सात बच्चे फरार हो गए थे। इनमें एक बरखेड़ी भोपाल का 12 साल की उम्र का अपराधी भी है, जिस पर हत्या का प्रकरण है। साथ ही अन्य थाना क्षेत्रों में पांच अपराधिक प्रकरण हैं। इसके बारे में पता चला है कि वह छेंद से निकलने के लिए अपने कपड़े उतरकर भागा है। वह संप्रेक्षण गृह की एक चादर भी अपने साथ ले गया है।

घटना की कहानी प्रबंधन की जुबानी

बाल संप्रेक्षण गृह की यह घटना चार माह में दूसरी बार है। इस घटना के बाद संप्रेक्षण अधिकारी अपने बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। उनका कहना है कि संप्रेक्षण गृह में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। बच्चों की सुरक्षा में इस बार दो नए गेटों को पक्का कराया गया था, कमरे में खिड़की को दोनों ओर से मच्छर जालियों से कवर किया गया था। इसके बाद भी लकड़ी से दीवार खोदकर बच्चे फरार हो गए।

एसडीएम को सौंपी जांच

कलेक्टर ने इस घटना की जांच का जिम्मा एसडीएम आरके धुर्वे को सौंपा है। वहीं कलेक्टर के निर्देश के बाद शुक्रवार को एसडीएम आरके धुर्वे, सीएसपी जहांगीराबाद सलीम खान ने बाल संप्रेक्षण गृह का मुआयना किया। इस मामले में एसडीएम को एक माह में रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर को सौंपना है, इसके बाद ही बाल खामी उजागर हो पाएगी। बाल संप्रेक्षण गृह में वर्तमान में 30 बच्चे हैं। इनमें सीहोर, राजगढ़, रायसेन किशोर भी हैं। सूत्रों की माने तो बच्चों को रोजाना कमरों से निकालकर धूप में लाया जा रहा था, इसी दौरान इन बच्चों ने भागने का प्लान बनाया होगा।

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